यूपी। यूपी के सीतापुर में बुधवार को डकैतों की ग्रामीणों से झड़प हुई। इस मामले में पुलिस की थ्योरी को एक्सरे रिपोर्ट और चिकित्सकों ने सिरे से नकार दिया। अमर उजाला ने पहले ही गोली लगने की बात प्रकाशित की थी। चिकित्सकों की रिपोर्ट ने अमर उजाला की खबर पर मुहर लगा दी।
एक ओर पुलिस की कंटीले तारों वाली थ्योरी उलझती चली गई। वहीं, बृहस्पतिवार रात घायल वेदप्रकाश के पेट से चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर गोली को निकाल लिया। गोली बाहर आते ही सकरन पुलिस का झूठ भी बाहर आ गया। पुलिस की कंटीले तारों की थ्योरी ने दम तोड़ दिया।
मामला सकरन थाना क्षेत्र के लखनियापुर गांव का है। गांव निवासी वेदप्रकाश के घर बुधवार रात आधा दर्जन बदमाश घुसे थे। लूटपाट कर माल समेटने के बाद वापस भागते समय उन्होंने एक बदमाश को पकड़ लिया था। भागते समय एक बदमाश ने वेदप्रकाश को पेट और हाथ में गोली मारी थी। मौके पर तमंचा व कारतूसें भी मिली थीं। इधर एक बदमाश अमीन नाई को वेदप्रकाश व उनके भाई फुद्दी ने पकड़ लिया था।
ग्रामीणों की पिटाई से उस बदमाश की मौत हो गई, लेकिन पूरी घटना को पुलिस ने घुमा दिया। घटनाक्रम को तोड़ मड़ोर कर पेश करने के साथ ही यह बताया गया कि वेदप्रकाश को कंटीले तार से चोट लगी है। लेकिन लखनऊ में चिकित्सकों ने देखा तो पेट में गोली फंसी पाई गई। जो प्रथमदृष्टया 315 बोर की प्रतीत हुई। एक्सरे में गोली साफ नजर आई। इसके बाद ऑपरेशन कर उस गोली को निकाला भी गया। इससे पुलिस की बनाई थ्योरी ने अस्पताल की दहलीज पर दम तोड़ दिया।
जब ग्रामीण पांच बदमाशों के होने का दावा कर रहे हैं, जिसमें दो लोग पीटे गए। एक की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद भी पुलिस उनकी संख्या सिर्फ दो से तीन ही क्यों बता रही है। पुलिस की नजरों में मृतक अमीन चोर था, लेकिन बाद में पता चला कि अमीन ए श्रेणी का मजारिया हिस्ट्रीशीटर है। ऐसे में उसके साथ ही रहने वाले अन्य लोग भी शातिर होंगे। फिर भी आरोपियों को हल्के में क्यों लिया गया।
लखनियापुर गांव निवासी वेदप्रकाश के घर की पीछे की खिड़की को तोड़कर बुधवार देर रात करीब 12 बजे बदमाश घुसे थे। सभी ने घर से माल समेटा फिर वापस उसी खिड़की से भाग रहे थे। आहट पाकर जब वेदप्रकाश की नींद खुली, तो उन्होंने शोर मचा दिया। सभी बदमाश गृहस्वामी के घर के पीछे स्थित गन्ने के खेत में जा छिपे। वहीं, शोर सुनकर आए ग्रामीणों ने बदमाशों को खेतों में ही घेर लिया। इसी बीच गृहस्वामी ने एक बदमाश को पकड़ लिया। बदमाशों ने कई राउंड फायरिंग की। एक गोली वेद प्रकाश के पेट और दूसरी उनके हाथ में लगी। माैके पर ग्रामीणों ने एक बदमाश को पीटकर मार डाला।
वेदप्रकाश की बहन रामरानी ने बताया कि पुलिस गांव में आती है तो प्योर दूध की चार की डिमांड करती है। कभी गाड़ी के लिए ईंधन तो कभी खाना खिलाने की बात कहती है। पुलिस की आमद से सुरक्षा का एहसास कम, परेशानी ज्यादा होती है।
वेदप्रकाश के भाई फुद्दी ने बताया कि घटना के बाद पुलिस उन्हें थाने ले गई। हवालात में बंद कर दिया। डराने धमकाने के साथ एक तहरीर खुद ही लिख ली। इसके बाद डरा धमका कर तहरीर पर दस्तख्त भी करवा लिये। बताया कि हमसे पुलिस ने कुछ पूछा ही नहीं। कहा कि दस्तख्त कर दो वरना जेल चले जाओगे। डर के मारे तहरीर पर दस्तख्त कर दिए।