बदायूं। बदायूं लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने 68 दिन में तीसरी बार उम्मीदवार बदल दिया है। हालांकि टिकट मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य को दिया गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बदायूं में टिकट बदलने के लिए सहमति दे दी है। अब वहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के बजाय उनके पुत्र आदित्य यादव चुनाव लड़ेंगे।
आदित्य सहकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। यहां बता दें कि सपा की पहली सूची 30 जनवरी को जारी हुई थी, इसमें मैनपुरी से डिंपल यादव और बदायूं से धर्मेंद्र यादव का नाम शामिल था, लेकिन 22 फरवरी को जारी दूसरी सूची में धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर शिवपाल सिंह यादव को बदायूं से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
टिकट तय होने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने बेटे आदित्य के साथ बदायूं आकर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया, लेकिन उनका यह चुनावी अभियान बेटे के पक्ष में माहौल बनाने का उपक्रम मात्र था। बताते हैं कि शिवपाल दिल्ली की राजनीति में ज्यादा इच्छुक नहीं हैं।
शिवपाल अपने बेटे को भी राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। इसलिए एक बार फिर बदायूं में प्रत्याशी बदल दिया गया है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भी बदायूं से आदित्य यादव को प्रत्याशी बनाए जाने की पुष्टि की।
याद रहे कि रविवार को सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने बिसौली क्षेत्र के अहमदगंज में आयोजित चुनावी सभा में अपनी जगह आदित्य यादव के चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। हालांकि सपा मुख्यालय से आदित्य के नाम पर मुहर लगना बाकी है, लेकिन आदित्य यादव प्रत्याशी की हैसियत से चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
बिल्सी क्षेत्र के सिरासौल सीताराम पट्टी में सोमवार को आयोजित चुनावी सभा में शिवपाल सिंह यादव व आदित्य यादव की मौजूदगी में पूर्व विधायक आरके शर्मा ने कहा कि अब जनता की आवाज को सड़क से संसद तक पहुंचाने का काम युवा नेता आदित्य यादव करेंगे।
इससे पहले सभाओं में उम्मीदवार के रूप में शिवपाल सिंह यादव का ही नाम लिया जाता था, लेकिन शिवपाल सिंह यादव के एलान के बाद पार्टी नेता आदित्य यादव को ही उम्मीदवार मानकर वोट मांग रहे हैं। युवाओं को सपा आकर्षित कर रही है तो भाजपा इसे लेकर सियासी वार करने से नहीं चूक रही है।
सपा के बार-बार प्रत्याशी बदलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो अप्रैल को बदायूं क्लब में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में तंज कसा था। कहा था कि सपा के उम्मीदवार मैदान छोड़कर भाग रहे हैं। एक भाग चुके हैं और दूसरे भागने की तैयारी कर रहे हैं। सीएम जाने के बाद अगले दिन भाजपा उम्मीदवार दुर्विजय सिंह ने भी एक चुनावी सभा में कहा था कि हार निश्चित होने की वजह से शिवपाल सिंह यादव मैदान छोड़कर भाग रहे हैं।
भाजपा उम्मीदवार दुर्विजय सिंह ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर मीडिया से बातचीत में सपा पर सियासी हमला बोला। कहा- जब शिवपाल सिंह यादव को कहीं बैठने के लिए जगह नहीं मिली तो खुद को हार से बचाने के लिए बेटे को मैदान में उतारा है। पर अभी बेटे का भी चुनाव लड़ना निश्चित नहीं है। अखिलेश यादव टिकट देंगे या नहीं, तय नहीं है। शिवपाल यादव का इतिहास सब जानते हैं।
दुर्विजय ने कहा- ‘मैंने उनको गुंडों का सरदार बताया था तो उन्होंने मुझे अपना चेला बता दिया। इस पर मैं यही कहूंगा कि मैंने तो उनके शासनकाल में जो हुआ उसके आधार पर उन्हें गुंडों का सरदार बताया था, लेकिन मेरा उनसे दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा है।’ जहां तक सवाल सांसद संघमित्रा मौर्य का है तो सपा को उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। शिवपाल सिंह पहले अपना परिवार देखें। भतीजा उन पर कितना विश्वास कर रहा है और वह भतीजे पर कितना विश्वास कर रहे हैं, यह बड़ा सवाल है।