बताया जाता है कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कामकाज पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि मौजूदा स्थितियों में उनके कामकाज को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को लगता है कि जिस तरह पार्टी कार्यकर्ताओं में लगातार असंतोष बढ़ रहा है उसे देखते हुए प्रदेश संगठन में बदलाव की जरूरत है। इसलिए मौजूदा उप-मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य को फिर से संगठन की कमान देकर पार्टी कार्यकर्ताओं विधायकों सांसदों के असंतोष को खत्म किया जा सकता है।
इसके कुछ दिन पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ बातचीत की और उन्हें कोरोना पीड़ितों की मदद करने और लोगों के बीच जाकर कोरोना से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वार उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह वक्त घर बैठने का नहीं लोगों के बीच काम करने का है क्योंकि विधानसभा चुनाव में अब महज आठ महीने का वक्त बचा है और अगर पार्टी को 2024 का लोकसभा चुनाव जीतना है तो पहले उत्तर प्रदेश जीतना सबसे ज्यादा जरूरी है।
बैठक में मौजूद एक सांसद के मुताबिक नड्डा ने सांसदों से प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज का भी ब्यौरा लिया। बैठक में कुछ सांसदों ने राज्य सरकार में नौकरशाही के हावी होने और विधायकों-सांसदों की सुनवाई न होने की शिकायत भी की। इस पर पार्टी अध्यक्ष ने नसीहत दी कि यह वक्त आपसी मनमुटाव का नहीं मिलजुल कर काम करने का है। उन्होंने कहा कि हमें सेवा भावना से जुटना होगा और कोरोना की वजह से जो मुश्किल हालात बने हैं उसमें अगर हम जनता के बीच सेवा भावना से काम करेंगे तो लोगों की नाराजगी दूर होगी और भाजपा को फिर आम जनता का पहले जैसा समर्थन मिलेगा। भाजपा अध्यक्ष ने सांसदों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता और छवि का फायदा भाजपा को जरूर मिलेगा क्योंकि इनके टक्कर का कोई नेता विपक्ष के पास न देश में है न प्रदेश में। जानें यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की राह रोकने के लिए क्या है कांग्रेस की चौंकाने वाली रणनीति। जयंत चौधरी को गठबंधन में कैसे मिल सकती हैं 100 सीटें? नीचे क्लिक कर अगले पेज पर जाएं ओर पढें पूरी खबर