मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को शहीद स्थल कचहरी में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्र(ांजलि अर्पित की और कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष के परिणाम स्वरूप ही हमें नया राज्य मिला। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य का विकास हो, इसके लिए सरकार प्रयासरत है। उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का आदर्श राज्य बनाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना है, जिससे कि राज्य आन्दोलन के शहीदों के सपनों के अनुरूप प्रदेश का चहुंमुखी विकास किया जा सके।

​ आज यहां रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वप्रथम 1994 में हुए अलग राज्य आंदोलन में शहीद हुए लोगों के बलिदान का याद करते हुए अन्य अतिथियों के साथ स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाते हुए श्र(ांजलि अर्पित की। 27 साल पहले अलग राज्य की मांग को लेकर दिल्ली के राजघाट पर जा रहे उत्तराखंड के आंदोलनकारियों को रोकने के लिए मुजफ्फरनगर पुलिस ने हाईवे पर बैरिकेडिंग कर दी थी। उसी दौरान हुए संघर्ष में पुलिस की गोली से सात आंदोलनकारी शहीद हो गए थे, जबकि 17 घायल हुए थे।

​संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को अलग राज्य के रूप में गठित व स्थापित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों का बलिदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनकी शहादत की बदौलत ही देवभूमि आज आबाद है। उनके सपनों का साकार कर उत्तराखंड को नित नई बुलंदियों पर पहुंचाना ही उद्देश्य है। राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के कल्याण के लिए वचनब( है। राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों को भी राज्य आन्दोलनकारी की मृत्यु के पश्चात 3100 रूपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान करने का शासनादेश किया गया है तथा 31 दिसंबर 2021 तक सरकार द्वारा छूटे राज्य आन्दोलनकारियों का चिन्हीकरण कार्य जारी रहेगा, ताकि इनको भी लाभान्वित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उत्तराखंड को आजाद कराने के अभियान का हिस्सा रहा हूं और यह जनक्रांति खटीमा से शुरू हुई थी, जहां अनेक उत्तराखंड निवासी शहीद हुए थे, मैंने भी जन आंदोलन में हिस्सा लिया था और आज में इस उत्तराखंड प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं मुझे बड़ा गर्व महसूस होता है कि मैंने उत्तराखंड को आजाद कराने में अपनी महती भूमिका निभाई है। मैं आज रामपुर तिराहे में शहीद हुए अपने भाइयों और बहनों को श्र(ांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवार को हौसला देता हूं कि उत्तराखंड सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि रामपुर तिराहा कांड के बाद मुजफ्फरनगर के लोगों ने पीड़ित आंदोलनकारियों का साथ देकर इंसानियत का फर्ज निभाया। हमेशा हमारे दिल में इन लोगों का सम्मान रहेगा।

​उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियांे को सामने रखते हुए कहा कि उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने और इसको राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य बनाने के लिए हम सकारात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे सीएम का पद ग्रहण करे अभी ढाई महीने ही हुए हैं, हमने इस अल्प समय में कई बड़े निर्णय किये है, जो राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जायेंगे। हमें मिलकर सभी क्षेत्रों के विकास में काम करना होगा। उत्तराखण्ड से पीएम मोदी का आध्यात्मिक लगाव है, उनके प्रोजेक्ट को हम प्राथमिकता पर आगे बढ़ा रहे हैं। हम राज्य के लिए कम समय में ही सर्वोत्तम देने का काम करेंगे। कोरोना महामारी ने राज्य में आर्थिक संकट जैसे हालात पैदा किये हैं। चारधाम की यात्रा यहां ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के लोगों के रोजगार का बड़ा साधन है, इसके बन्द होने से हालात खराब हुए। छोटे और बड़े सभी उद्योग प्रभावित हुए हैं, परेशान हैं। सरकार के सामने चुनौती है, लेकिन संकट मेें सरकार इन लोगों के लिए साझीदार बनकर सामने आई और 200 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया गया है। छह महीने तक 2-2 हजार रुपये की सहायता सरकार दे रही है, 32 हजार लोगों को लाभान्वित किया गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संकट से उबारने के लिए 5 लाख रुपये के ब्याजमुक्त )ण की व्यवस्था की। प्रधानों का मानदेय बढ़ाकर 3500 रुपये किया। 24 हजार भर्ती निकाली और दिन रात काम किया जा रहा है। भर्तियों में एक साल की समय सीमा बढ़ाई और युवाओं से फार्म शुल्क हटाया। आईएएस, आईपीएस सहित अन्य प्रतिस्पर्धा में हमने प्री एग्जाम फाइनल करने वाले युवाओं को अगली तैयारी के लिए 50 हजार की सहायता देने की व्यवस्था की है। कोरोना में अनाथ बच्चों के लिए सरकार अभिभावक बनी और हमारी योजना को दूसरे राज्यों ने अपनाया। हमने सर्वाधिक 3100 रुपये इन बच्चों को प्रत्येक माह राशि देने का काम किया हैै।

​इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी शहीद उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों को श्र(ांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यूपी और उत्तराखंड में दो भाईयों वाला रिश्ता और प्रेम है। आज हमारी पहचान शहीदों के कारण ही है। इन आंदोलनकारियों के बलिदान से ही हम मंत्री और मख्यमंत्री बन पाये हैं। शहादत न होती तो यह राज्य वजूद मेें नहीं आ पाता। रामपुर तिराहा कांड पर उन्होंने कहा कि अहिंसा के दिन यहां नृशंस हत्या की गयी। गन्ने के खेतों से नंगी लाशें बरामद हुई। हमारी बहन बेटियों पर उस रात क्या गुजरी यह हम जानते हैं। मुजफ्फरनगर ने बड़ा साथ दिया। उस समय मैं युवा मोर्चा में था, जब अटल जी ने उत्तराखंड राज्य देने का वादा किया था और सरकार आने पर इसको निभाया भी।

​ इस अवसर अतिथियों ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्र(ासुमन अर्पित कर याद किया। कार्यक्रम मेें मुख्य रूप से उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष उत्तराखंड पंडित मदन कौशिक,केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, मंत्री राजेंद्र अंथवाल, केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, यूपी के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल, विधायक उमेश मलिक, विधायक प्रमोद उटवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष अंजू अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, उद्यमी अभिषेक अग्रवाल, सत्यप्रकाश रेशू सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे।

​आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शहीद स्मारक पर आयोजित हुई सभा में नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष और भाजपा नेत्री अंजू अग्रवाल भी अपने पुत्र उद्यमी एवं समाजसेवी अभिषेक अग्रवाल के साथ पहंुची थी। मंच पर जहां सभी जनप्रतिनिधियों को स्थान दिया गया, वहीं पालिकाध्यक्ष को मंच से नीचे बैठने पड़ा। सभा के समापन के दौरान पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल मंच पर पहुंची और सीएम पुष्कर सिंह धामी को अपना परिचय दिया। इसके बाद सीएम धामी ने खड़े होकर उनको अभिवादन स्वीकारा। पालिकाध्यक्ष ने बुके भेंटकर उनका स्वागत किया और चर्चा की। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक प्रमोद उटवाल को मंच पर स्थान तो मिला, लेेकिन उनको बोलने का अवसर नहीं दिया गया। कहा जा रहा है कि इसको लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी भी प्रकट की है। प्रमोद उटवाल पुरकाजी सीट से भाजपा के विधायक हैं और शहीद स्मारक उनके क्षेत्र में ही आता है। यह मामला वहां पर चर्चा का विषय बना रहा।

​मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निर्धारित कार्यक्रम से एक घंटा पहले ही यहां पहुंच गये। पुलिस लाइन में उनका हैलीकॉप्टर लैंड हुआ। यहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, वैभव त्यागी, मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा, सभासद मनोज वर्मा, राजीव शर्मा रोहिल वाल्मीकि सहित भाजपा के अनेक पदाधिकारियों ने पुष्प भेंट कर उनका स्वागत किया। यहां से कार द्वारा वह रामपुर तिराहा शहीद स्मारक पर पहुंचे। उनका कार्यक्रम पहले 11 बजे का निर्धारित था, लेकिन वह 10 बजे ही स्मारक पर पहुंच गये थे। प्रभारी अधिकारी प्रोटोकाल वीवीआईपी का कहना है कि देर रात सीएम उत्तराखंड के कार्यक्रम में संशोधन कर दिया गया था।

​केन्दीय पशुपालन, मत्सय एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री और मुजफ्फरनगर के सांसद डा. संजीव बालियान ने आज उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रामपुर तिराहा कांड सपा की तत्कालीन सरकार का अत्याचार था। यह एक बड़ा कलंक है, उस दौर की सरकार ने जनता पर जो बर्बरता की, उसकी कसक आज भी समाज को है। यह दर्द उत्तराखंडवासियों के साथ ही उत्तर प्रदेश और मुजफ्फरनगर के लोगों ने महसूस किया है। उन्होंने जनपद की तरफ से शहीदों को नमन करते हुए कहा कि इस घटना ने दोनों राज्यों में एक अटूट रिश्ता कायम किया और इस शहीद स्मारक के जरिये यूपी और उत्तराखंड के बीच दर्द का रिश्ता कायम हुआ, ये दर्द के रिश्ते लम्बे चलते हैं। उन्होंने कहा कि उस समय हम राजनीति में नहीं थे, वरना तो मुजफ्फरनगर को भी उत्तराखंड का हिस्सा बनाने की आवाज को प्रमुखता से उठाते और हमारा भी यहां से पीछा छूट जाता।

​राज्य आंदोलन को 27 बरस पूर्ण हो चुके हैं और अलग राज्य का वजूद भी 21 साल पुराना हो चुका है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष रामपुर तिराहा शहीद स्मारक पर शहीदों की याद में सभा और कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहते हैं। कांग्रेस और भाजपा सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने हर बार यहां आकर शहीदों के सपनों को राज्य के विकास से जोड़ने का वादा किया, लेकिन आज का यह कार्यक्रम कुछ खास रहा। आज मुख्य अतिथि भले ही उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी थे, लेकिन पहली बार इस श्र(ांजलि सभा में तीन सरकारों के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। केन्द्र सरकार की ओर से मंत्री डा. संजीव बालियान और मंत्री अजय भट्ट अतिथि रहे तो वहीं यूपी सरकार से मंत्री स्वतंत्र प्रभारी कपिल देव भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। इसको लेकर केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यह पुष्कर धामी के व्यक्तित्व और व्यवहार के साथ ही उनसे हमारे प्रेम का सुबूत है कि पहली बार इस मंच पर दोनों राज्यों की बड़ी लीडरशिप दिखाई दे रही है।

​ शहीद स्मारक रामपुर तिराहा पर शहीदों को श्र(ांजलि देने के लिए पहुंचे राज्य आंदोलनकारियों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियोें ने अलग अलग ज्ञापन दिये। सरकार पर कुछ ने आरोप लगाये तो कुछ ने सरकार के काम को सराहा भी। उत्तराखंड राजय आंदोलनकारी समिति के पदाधिकारियों ने इस बात पर नारजागी जताई कि यहां पर आयोजित श्र(ांजलि सभा में मंच पर किसी भी सरकार के मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों को सम्मान या स्थान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मंच पर आंदोलनकारियों को भी स्थान मिलना चाहिए ताकि इस श्र(ांजलि सभा को सही मायनों को सार्थक किया जा सके। इसके साथ ही आंदोलनकारियों के विभिन्न संगठनों ने मंच के सामने एकत्र होकर उस समय नारेबाजी शुरू कर दी, जब सीएम धामी अपना भाषण दे रहे थे। इन संगठनों के लोगों ने मामले में सीबीआई जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए त्वरित कार्यवाही करने की मांग की। नारेबाजी के दौरान सीएम धामी को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा