प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आज हुई मतदान तथा मतगणना की प्रक्रिया के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ0 वीरपाल निर्वाल को विजयी घोषित किया गया है। जानकारी के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में 43 में से 34 जिला पंचायत सदस्यों ने मतदान किया। 34 में से 30 मत लेकर भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर वीरपाल निर्वाल विजयी घोषित हुए, जबकि विपक्षी प्रत्याशी सतेन्द्र बालियान को मात्र 4 मत मिले। शेष विपक्षी दलों के जिला पंचायत सदस्यों ने मतदान का बहिष्कार किया।

जिले के प्रथम नागरिक का ताज किसके सिर बंधेगा इसका निर्णय आज हो गया। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से डॉ वीरपाल निर्वाल व विपक्ष से सत्येंद्र बालियान मैदान में थे। मतदान और मतगणना के लिए प्रशासन ने कलेक्ट्रेट में अभेद्य सुरक्षा के इंतजाम किए थे। शनिवार सुबह 11 बजे से मतदान और दोपहर तीन बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरु हुई।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए काफी दिनों से भाजपा और विपक्ष के बीच सियासी सरगर्मी चल रही थी। भाजपा से नमामि गंगे के प्रदेश सह संयोजक और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ वीरपाल निर्वाल मैदान में थे, वही विपक्ष से केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान के तेहरे भाई सत्येंद्र बालियान ने किस्मत आजमाई। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के बाद से सदस्यों के पाला बदलने का क्रम नियमित चलता रहा। खासकर मुस्लिम जिला पंचायत सदस्य कभी भाजपा खेमे में तो कभी विपक्ष के साथ दिखाई दिए। यहां तक कि सपा के पदाधिकारी भी अपने घर के सदस्य को भाजपा में जाने से नहीं रोक पाए।

भाजपा और विपक्ष दोनों ही खेमे जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत की दावेदारी कर रहे थे। विपक्ष ने भाजपा पर जिला पंचायत सदस्य तोड़ने का आरोप भी लगाया। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत सत्येंद्र बालियान के साथ डीएम और एसएसपी से मिले थे। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष चुनाव की मांग की थी। पांच साल पहले केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने सियासी रणनीति से सत्ताधारी सपा को पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में चित कर दिया था। उनकी कूटनीति से आंचल जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं और 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। इस बार भी डॉक्टर बालियान के सामने चुनौती कम नहीं थी।

सत्येंद्र बालियान को लेकर विपक्ष शुरुआत में एकमत नहीं था। आजाद समाज पार्टी और सपा ने प्रेस वार्ता कर तहसीन बानो के नाम की घोषणा की थी, जिस पर भाकियू और रालोद ने आपत्ति जताई थी। दोनों दल सत्येंद्र बालियान को प्रत्याशी बनाना चाह रहे थे। इस पर सपा व आजाद समाज पार्टी को एतराज था। बाद में चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली स्थित अपने आवास पर पंचायत कर सत्येंद्र बालियान व तहसीन बानो को संयुक्त प्रत्याशी घोषित किया। ऐलान किया था कि यदि विपक्ष जीतता है तो ढाई ढाई साल के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष बनेंगे। दोनों प्रत्याशियों ने इस पर सहमति जताई थी। डॉ वीरपाल निर्वाल व सत्येंद्र बालियान के साथ ही तहसीन बानो ने भी नामांकन किया था, लेकिन नामांकन पत्र में खामियों के चलते उनका नामांकन प्रशासन ने रद्द कर दिया था। जिस पर सपा व रालोद ने कचहरी में प्रदर्शन किया था। डीएम सेल्वा कुमारी जे के अनुमोदन के क्रम में मतदान एवं मतगणना कार्य में कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए तीन जुलाई को पूर्वान्ह 11 बजे से सांय चार बजे तक कलक्ट्रेट स्थित कार्यालयों एवं न्यायालयों में अवकाश घोषित किया गया था।