मुजफ्फरनगर। चरथावल से बसपा का प्रत्याशी बनने के लिए लंबे समय से मेहनत कर रहे अरशद राना अब अपनी ही पार्टी में अनजान नजर आ रहे हैं। अरशद राना ने पार्टी के एक वरिष्ठ नेता पर टिकट के नाम पर 67 लाख रुपये लेने का आरोप लगाते हुए शहर कोतवाली में तहरीर दी है। बड़ी बात ये है कि अरशद राना के प्रकरण ही नहीं बल्कि वह पार्टी में हैं भी या नहीं बसपा जिलाध्यक्ष ने इससे भी अनभिज्ञता जता दी है।
अरशद राना खुद को चरथावल विधानसभा प्रभारी बता रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी में नियम है कि जिसे प्रत्याशी बनाया जाता है, उसकी पहले ही विधानसभा प्रभारी के रूप में ताजपोशी कर दी जाती है। हालांकि चुनाव आते आते ये प्रभारी बदल भी दिए जाते हैं। अरशद राना भी खुद को चरथावल का विधानसभा प्रभारी बता रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को शहर कोतवाली में न केवल तहरीर दी बल्कि रोते हुए एक वरिष्ठ नेता पर टिकट के बदले 67 लाख रुपये लेने का आरोप भी लगाया।
इस मामले में जब बसपा जिलाध्यक्ष सतीश रवि से पूछा गया तो उनका कहना था कि अरशद राना का क्या मामला हैं, उन्हें नहीं मालूम । अरशद पार्टी में हैं, या नहीं, यह भी साफ नहीं है । उन पर पार्टी संगठन की कोई जिम्मेदारी भी नहीं है। ऐसे में इस पूरे मामले में उन्हें कुछ नहीं पता।
वहीं शहर कोतवाली प्रभारी आनंद देव मिश्रा ने बताया कि अरशद राणा ने उन्हें अपने साथ हुए 67 लाख के धोखाधड़ी की एक तहरीर दी है। उनसे रकम के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।