नई दिल्ली. अक्सर शरीर में दर्द की शिकायत पर डॉक्टर आपको पेन किलर खाने कि लिए देते हैं. जिसको खाते ही आपका दर्द गायब हो जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है पेन किलर में ऐसा क्या होता है कि दर्द कुछ ही देर में खत्म हो जाता है? दरअसल, जब हमें चोट लगती है तो हमारे शरीर से सिग्नल सीधे ब्रेन में जाता है जो हमें संदेश देता है कि हमें दर्द हो रहा है, जिससे हमें दर्द महसूस होता है. वैसे तो दर्द होना हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यही हमें बताता है कि हमें चोट लगी है या फिर हम किसी खतरे में हैं.
अब आते सबसे जरूरी सवाल पर कि पेन किलर इस दर्द को खत्म कैसे कर देती हैं? तो हम आपको बता दें कि पैरासिटामोल या फिर ब्रूफेन जैसी दवाएं इस दर्द को खास तरह से कम करती हैं. जब हमें चोट लगती है तो हमारे शरीर में कई ऐसे केमिकल बनते हैं जो हमें दर्द का एहसास कराते हैं. ऐसे में चोट लगने वाली जगह पर शरीर ज्यादा खून पहुंचाने लगता है.
इस खून में व्हाइट ब्लड सेल्स भी होती हैं जो चोट को भरने का काम करने में लग जाती हैं. इन व्हाइट ब्लड सेल्स के साथ कई प्रमुख केमिकल भी चोट लगने वाली जगह तक पहुंचते हैं. इनमें से एक प्रमुख केमिकल का नाम है प्रोस्टाग्लैंडिग. यही केमिकल दर्द और जलन पैदा करता है.
जब आप इन दवाओं को खाते हैं तो ये धीरे-धीरे आपके खून में मिल जाती हैं और चोट लगने वाली जगह के साथ-साथ दिमाग में भी जाती हैं. दोनों ही जगहों पर ये दर्द को कम करने के लिए इस केमिकल को बनने से रोकती हैं जिससे दिमाग हमें ये सिग्नल नहीं करता कि हमें दर्द हो रहा है.