मुजफ्फरनगर। बरसात के पानी में नाले धराशाही होने से जिला पंचायत की किरकिरी हो रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल ने बरसात के सीजन में नाला निर्माण पर रोक लगा दी है। साथ ही दोनों ठेकेदारों का भुगतान जांच पूर्ण होने तक रोक दिया है।
बता दें कि एक सप्ताह से जनपद में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बारिश में पहले लछेड़ा और दो दिन पहले गांव बोपाड़ा में निर्माणाधीन नाला बह गया। दोनों नालों पर 30 लाख रुपये से अधिक खर्च हुए हैं। इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष ने संबंधित ठेकेदार को तलब किया है। दोनों ठेकेदारों के साथ ही जिला पंचायत सदस्यों से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। बताया जाता है कि एक नाले का निर्माण जिला पंचायत सदस्य स्वयं करा रहे थे। ठेकेदार भी उन्हीं का था। इस मामले की छानबीन भी चल रही है। अपर मुख्य अधिकारी जितेंद्र सिंह जांच टीम के मुख्य सदस्य हैं। विभाग के इंजीनियर्स की टीम ने दोनों स्थालों का निरीक्षण किया है। जल्द ही जांच रिपोर्ट जिला पंचायत अध्यक्ष को दी जाएगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल ने सोमवार को जिला पंचायत सदस्य, ठेकेदार और विभागीय कर्मचारियों की कार्यालय में बैठक ली। दोनों नालों के गिरने के मामले में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में नाला कतई न बनाया जाए। निर्माण के बाद कम से कम दो-तीन दिन मजबूती के लिए चाहिए, जो बारिश के चलते नहीं मिल रहा है। साथ ही जांच पूरी होने तक दोनों ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगा दी है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि सभी जिला पंचायत सदस्यों, ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बरसात सीजन में कोई नाला न बनाया जाए। पानी के तेज बहाव में गिर जाते हैं।