नई दिल्ली. दालें अपनी न्यूट्रिशियन वैल्यू के लिए जानी जाती हैं. सामान्यत: किसी मरीज के भोजन में दाल की सिफारिश जरूर की जाती है. क्योंकि दालों में भरपूर प्रोटीन होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज के रोगी भी दाल खा सकते हैं? और क्या कोई खास दाल है जिसे डॉक्टर डॉयबिटीज के रोगियों को खाने या नहीं खाने की सलाह देते हैं? अगर ऐसे सवाल आपके मन में भी उमड़-घुमड़ रहे हैं तो आइए इनके जवाब जानते हैं.
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन एटलस की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में मधुमेह से पीड़ित लोगों का आंकड़ा 2030 तक करीब 64 करोड़ हो चुका होगा. ऐसे में इससे बचाव के लिए संतुलिन आहार लेना जरूरी है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फूडिंग हैबिट्स मोटापा बढ़ाने की प्रमुख वजह होती हैं. भारत में आबादी का एक बड़ा हिस्सा वेजिटेरियन है. ऐसे में दालें आपकी डायट चार्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
‘शोध से पता चला है कि दालें, जो अपने उच्च फाइबर, प्रोटीन और जटिल कार्बोहाइड्रेट सामग्री के कारण मानव शरीर में कुछ कम रफ्तार से पचती हैं वो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं. ये आपके ब्लड शुगर के लेवल को नहीं बढ़ाती हैं. दालों में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं. घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता हैं, वहीं अघुलनशील फाइबर कब्ज से बचाते हैं. दालों में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है जिनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है. ये प्रोटीन से भी युक्त होत है जिससे खून में ग्लूकोज का टूटना धीमा हो जाता है. मधुमेह के मरीजों 55 जीआई यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स से नीचे वाली चीजें खानी चाहिए. ऐसे में आइए अब जानते हैं कि किन दालों में जीआई 55 या इससे कम होता है.
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सुगर है, तो आपको अपनी दाल सोच-समझकर चुननी होगी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक मसूर दाल चुनें क्योंकि यह रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करती है, और वजन घटाने में भी मदद करती है. उड़द की दाल रक्त शर्करा के स्तर के प्रबंधन और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करेगी. इसके अलावा, मूंग दाल को मिस न करें. यह कैलोरी में कम है और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों, फाइबर और प्रोटीन से भरी हुई है.
भारतीय आहार में राजमा जमकर खाया जाता है. इसका जीआई लेवल 19 होता है और ये आंखों एवं स्किन के लिए फायदेमंद माना जाता है. राजमा फाइबर से युक्त होता है और ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी मदद करता है. इसी तरह से आप छोला भी एक निश्चित मात्रा में खा सकते हैं.