मध्य प्रदेश के बागेश्वर सरकार का नाम तो हाल-फिलहाल में चर्चा में ही था. अब उन्हें टक्कर देने के लिए नया नाम भी मैदान में आ गया है. यह नाम है कानपुर में करौली सरकार आश्रम के बाबा संतोष सिंह भदौरिया का. असलाहधारी बाउंसरों की सुरक्षा में चलने भदौरिया पर अब नोएडा के डॉक्टर पर जानलेवा हमला करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. बाबा की इस करतूत से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं, जिसके बाद लोग सरकार से उस पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं.
नोएडा में सेक्टर 27 विनायक अस्पताल के डायरेक्टर सिद्धार्थ चौधरी शहर के सेक्टर-48 में रहते हैं. एफआईआर के मुताबिक उन्होने सोशल मीडिया पर बाबा के कथित चमत्कारों के बारे में सुना था. इसके बाद वे अपने पिता डॉ वीएस चौधरी, मां रेनू चौधरी और पत्नी प्रियंका चौधरी के साथ 22 फरवरी 2023 को बाबा के आश्रम में गए थे. वहां पर उन्होंने 2600 रुपये फीस देकर बाबा के दरबार में प्रवेश किया.
डॉक्टर के अनुसार, आश्रम में उनके सामने ऊंची कुर्सी पर बाबा भदौरिया बैठा था, जहां पर लोगों के शरीर से आत्मा निकालकर दिखाने का कथित चमत्कार दिखाया जा रहा था. उनके गुर्गों ने उनके सामने माइक रख दिया. ऐसा ही एक माइक बाबा के सामने भी रखा था. बाबा ने माइक पर फूंक मारते हुए कहा ‘ओम शिव बैलेंस’. इस पर डॉक्टर ने कहा कि बाबा आपके चमत्कार का मेरे ऊपर कोई कोई असर नहीं हुआ.
यह सुनने के बाद बाबा संतोष सिंह भदौरिया ने फिर माइक पर ओम शिव बैलेंस कहा लेकिन डॉक्टर सिद्धार्थ ने फिर से कोई असर होने से इनकार किया. डॉक्टर ने बाबा से कहा, ‘मैं देखना चाहता हूं कि आत्मा कैसे निकलती है. यह शो इस वक्त लाइव चल रहा है, लिहाजा मैं सबके सामने आपकी शक्तियां लाइव देखना चाहता हूं.’ इस पर भदौरिया भड़क गया और कहना लगा कि मुझे चैलेंज कर रहे हो. डॉक्टर सिद्धार्थ ने भी निर्भीकता के साथ कहा, ‘हां चैलेंज कर रहा हूं. इस पर बाबा ने कहा कि उनसे जाकर पूछो, जिनकी आत्मा निकली है.’
जब डॉक्टर सिद्धार्थ ने चमत्कार दिखाने की मांग दोहराई तो बाबा भदौरिया ने अपने समर्थकों से कहकर उन्हें उठवा लिया और कमरे में बंद करवाकर लोहे की रॉड से पीटा. उन्हें बचाने के लिए मां-बाप और पत्नी आगे आए लेकिन समर्थकों ने उनके साथ भी हाथापाई कर दी. मारपीट के बाद उन्हें आश्रम से बाहर फिंकवा दिया गया. बाद में उन्होंने अस्पताल में इलाज करवाया, जहां पर उन्हें सिर में 10 टांके लगे.
डॉक्टर सिद्धार्थ का कहना है कि फर्जी बाबा भदौरिया के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए उन्होंने चौकी, थाने, एसीपी और डीसीपी से भी मुलाकात की लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ. बाद में पुलिस कमिश्नर से मिलने पर घटना के एक महीने बाद अब जाकर भदौरिया और उसके साथियों पर जानलेवा हमले का केस दर्ज किया गया है.
इस पूरी घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो बाबा भदौरिया की पोल खोल रहे हैं. हालांकि भदौरिया का दावा है कि सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए उन पर गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं. अगर बाबा भदौरिया की बात की जाए तो वह मूल रूप से कानपुर का रहने वाला है और वर्ष 2003 से पहले शिव सेना पार्टी से जुड़ा था. इसके बाद वर्ष 2010 तक किसान यूनियन से जुड़ा रहा. इसके बाद उसने केरल से इलाज की एक थेरेपी सीखकर कानपुर के एक फ्लैट में लोगों के इलाज का क्लीनिक खोला.
वर्ष 2012 में भदौरिया ने अपने दोनों बेटों लव और कुश के नाम पर करौली में लव-कुश आश्रम शुरू किया. शुरुआत में एक छोटे से मंदिर से शुरू हुआ यह आश्रम अब 14 एकड़ में फैल चुका है. जहां पर रोजाना 4-5 हजार लोग पहुंचते हैं. वहां पर बाबा के दरबार में एंट्री के लिए 2600 रुपये की पर्ची कटवानी पड़ती है. जबकि इलाज के नाम पर तंत्र साधना और अन्य क्रियाओं के लिए हजारों से लेकर लेकर 2 लाख रुपये तक के पैकेज हैं. बाबा अपने साथ हर वक्त भारी सिक्योरिटी लेकर चलता है. दरबार में अगर कोई व्यक्ति उसके चमत्कारों पर विरोध जताता है तो बाबा के समर्थक उसके साथ मारपीट से गुरेज नहीं करते.