दिल्ली| राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के कई इलाके सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल उठे। नूंह में बृजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठ गई। नूंह से गुरुग्राम तक जगह-जगह आगजनी, पथराव और फायरिंग हुई। हिंसा में दो होमगार्ड समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 पुलिसकर्मियों सहित कई लोगों के घायल होने की सूचना है। होडल के डीएसपी सज्जन सिंह को सिर में गोली लगी है। वहीं, गुरुग्राम क्राइम यूनिट के एक इंस्पेक्टर को पेट में गोली लगी है। उपद्रवियों ने करीब तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी। नूंह में लंबे समय से तनाव बना हुआ था। हालांकि, तात्कालिक कारणों में मोनू मानेसर का नाम भी लिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि मोनू मानेसर ने एक दिन पहले ही वीडियो जारी करके ऐलान किया था कि वह यात्रा में शामिल होने जा रहा है। इसके बाद से ही तनाव फैलना शुरू हो गया था। मेवात से सटे राजस्थान के भरतपुर के नासिर और जुनैद की हत्याकांड में आरोपी मोनू मानेसर के मेवात आने की खबर फैलते हुए सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों ने एक दूसरे को चुनौती और धमकी देना शुरू कर दिया था। बताया जा रहा है कि वीडियो को देखकर राजस्थान के भरतपुर की पुलिस टीम मोनू को पकड़ने के लिए नूंह पहुंची थी, लेकिन मोनू मानेसर यात्रा में नहीं पहुंचा।

बृजमंडल यात्रा गुरुग्राम के सिविल लाइन से शुरू हुई थी और दोपहर में नूंह के खेड़ला मोड़ के आसपास पहुंचने पर बवाल हो गया। आरोप है कि यात्रा में शामिल लोगों की तरफ से नारे लगाए जा रहे थे। तभी एक गाड़ी में सवार दूसरे समुदाय के कुछ युवकों ने यात्रा रोक दी। इसी दौरान यात्रा पर पथराव कर दिया गया। उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया। नूंह शहर के अंदर भी यह उपद्रव फैल गया।

बजरंग दल का सदस्य मोनू मानेसर हरियाणा खासकर मेवात क्षेत्र में गोरक्षकों का प्रमुख चेहरा है। वह अपने कुछ साथियों के साथ गो-तस्करी रोकने के लिए काम करने का दावा करता है। गोतस्करी विरोधी अभियानों को लेकर मोनू मानेसर पहले भी सुर्खियों में रहा है। मोनू का नाम कुछ महीने पहले तब काफी सुर्खियों में रहा जब उस पर नासिर और जुनैद का अपहरण करके उनकी हत्या का आरोप लगा। हालांकि, मोनू मानेसर ने कहा था कि जिस दिन यह वारदात हुई वह गुरुग्राम में था और उसका इससे कुछ लेना देना नहीं है। मोनू मानेसर यूट्यूब पर भी फेमस है। मोनू मानेसर के फेसबुक पर 83000 और यूट्यूब पर 2,05,000 सब्सक्राइबर्स हैं। वह यूट्यूब चैनल पर अक्सर गोरक्षा से जुड़े वीडियो साझा करता है।

पशु हत्या को लेकर एक साल से जिला नूंह में तनाव बना हुआ था। गोरक्षक दल के कार्यकर्ता पशु हत्या रोकने के लिए गांवों में दबिश दे रहे थे और आरोपियों को पकड़कर पुलिस कर हवाले कर रहे थे। स्थानीय लोग गोरक्षक दल की ऐसी गतिविधियों को गैर कानूनी बताकर विरोध कर रहे थे। लोगों की मांग थी कि पशु हत्या कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के अधिकार पुलिस के पास है। पुलिस इस काम को करें। बहरहाल, इसको लेकर सभी समुदायों की महापंचायत भी फिरोजपुर झिरका की अनाज मंडी में हुई। जहां सभी ने पशु हत्या करने वालों का बहिष्कार करने का फैसला किया गया और गोरक्षकों की बजाय पुलिस आरोपियों को पड़कने की बात पर सभी ने सहमति प्रकट की। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक के साथ में पीस कमेटी की अनेक बैठक हुई। बावजूद इसके लोगों में आक्रोश बढ़ता गया। सोमवार को हुई नूंह की घटना इसकी तस्दीक करती है।