नई दिल्ली. आज मालूम चल जाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। ज्यादा संभावना द्रौपदी मुर्मू की जीत की है। मतलब देश को पहली बार एक आदिवासी राष्ट्रपति मिल सकता है।
मतगणना के बाद 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गईं हैं। राष्ट्रपति को देश के मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाएंगे। अगर किसी कारण से चीफ जस्टिस उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के सामने राष्ट्रपति शपथ लेते हैं।
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर भारत के राष्ट्रपति किस चीज की शपथ लेंते? ये शपथ समारोह 25 जुलाई को ही क्यों होता है? राष्ट्रपति के शपथ का उल्लेख संविधान में कहां किया गया है? आइए जानते हैं…
देश में 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र लागू हुआ। उसी दिन डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने। तब तक देश में लोकसभा चुनाव नहीं हुए थे। 1951-52 में पहली बार लोकसभा और राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव हुए। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद 13 मई 1952 को जीतकर फिर से इस पद पर पहुंचे। 1957 में लगातार दूसरी बार जीतकर डॉक्टर प्रसाद राष्ट्रपति बने। डॉक्टर प्रसाद 12 साल तक इस पद पर रहे। 13 मई 1962 को उनका कार्यकाल पूरा हुआ और डॉक्टर राधाकृष्णन देश के दूसरे राष्ट्रपति बने। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
पांच साल बाद 13 मई 1967 को डॉक्टर जाकिर हुसैन देश के तीसरे राष्ट्रपति बने। डॉक्टर हुसैन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 3 मई 1969 को उनका निधन हो गया। हुसैन के निधन के बाद उप-राष्ट्रपति वीवी गिरि कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। इसके बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
वीवी गिरि के इस्तीफे के बाद उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतउल्ला कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त हुए। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद 24 अगस्त 1969 को वीवी गिरि नए राष्ट्रपति बने। गिरि ने अपना कार्यकाल पूरा किया।
गिरि के बाद 24 अगस्त 1974 को फखरुद्दीन अली अहमद नए राष्ट्रपति बने। अहमद कार्यकाल पूरा नहीं कर पाने वाले दूसरे राष्ट्रपति बने। 11 फरवरी 1977 को उनका निधन हो गया। अहमद के निधन के बाद उप-राष्ट्रपति बीडी जत्ती कार्यवाहक राष्ट्रपति बने।
इसके बाद चुनाव हुए। चुनाव के बाद 25 जुलाई 1977 को नीलम संजीव रेड्डी देश के नए राष्ट्रपति बने। तब से लेकर अब तक हर राष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा किया है। इसी वजह से 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेते हैं। तब से अब तक नौ राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ ले चुके हैं।
राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, केंद्रीय मंत्री समेत अन्य कई हस्तियां शामिल होंगी।
“मैं (नाम) ईश्वर की शपथ लेता/लेती हूं कि मैं श्रद्धापूर्वक भारत के राष्ट्रपति के पद का कार्यपालन करूंगा/करूंगी तथा अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा/करूंगी, और मैं भारत की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूंगा/रहूंगी।”
संवैधानिक पदाधिकारियों की शपथ का उल्लेख भारतीय संविधान की अनुसूची 3 में है। हालांकि, इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्य के राज्यपालों की शपथ का उल्लेख नहीं है। इन संवैधानिक पदों के लिए शपथ समारोह का उल्लेख अलग-अलग अनुच्छेद में किया गया है। मसलन राष्ट्रपति की शपथ का उल्लेख अनुच्छेद 60, उपराष्ट्रपति की शपथ का उल्लेख अनुच्छे 69 और राज्यपाल की शपथ का उल्लेख अनुच्छेद 159 में किया गया है।
शपथ समारोह के दौरान देश के गणमान्य लोग राष्ट्रपति भवन में उपस्थित होते हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं।
इसके बाद राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
इसके बाद राष्ट्रपति देश के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात करते हैं।