नई दिल्ली. भारत समेत पूरी दुनिया में पुरुषों का स्पर्म काउंट तेजी से कम हो रहा है. इसका खुलासा पिछले दिनों सामने आई एक स्टडी में हुआ है. इजराइल की हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरूसलम के शोधकर्ताओं की इस स्टडी में बताया गया है कि विश्व में पुरुषों का स्पर्म काउंट 1973 की तुलना में साल 2018 तक आधे से भी कम रह गया है. ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में भारत समेत 53 देशों का डाटा इस्तेमाल किया गया था. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अगर सही समय पर स्पर्म काउंट को लेकर ध्यान नहीं दिया गया तो इंसानों के लिए प्रजनन संकट पैदा हो सकता है. अब सवाल उठता है कि आखिर स्पर्म काउंट तेजी से क्यों गिर रहा है? इस सबसे बड़े सवाल का जवाब एक्सपर्ट्स से जान लेते हैं.
नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के आईवीएफ डिवीजन की डायरेक्टर डॉ. रिचिका सहाय कहती हैं कि यह बात बिल्कुल सही है कि पिछले कई सालों से पुरुषों का सीमन एनालिसिस पैरामीटर गिर रहा है. 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने चौथा और पांचवां मैनुअल बनाया था. इसके सीमन एनालिसिस में भी स्पर्म काउंट में भारी गिरावट की बात पता चली थी. अगर 1955 में सामने आए पहले मैनुअल और पांचवें मैनुअल की तुलना करें तो यह गिरावट साफतौर पर दिखाई देती है. यह मेल फर्टिलिटी के लिए चिंता का विषय है.
कोलकाता के अपोलो फर्टिलिटी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अरिंदम रथ कहते हैं कि पर्यावरण और लाइफस्टाइल का हमारी प्रजनन क्षमता पर गहरा असर पड़ रहा है. पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और सीमन क्वालिटी व टेस्टोस्टेरोन लेवल में गिरावट देखने को मिल रही है. रिसर्च में पता चला है कि पिछले 50 सालों में पुरुषों का स्पर्म काउंट 104 से घटकर 49 मिलियन प्रति मिलीलीटर तक रह गया है. सीमन का स्पर्म कंसंट्रेशन प्रति मिलीलीटर 52% कम होकर 50 मिलियन रह गया है. यह अभी भी डब्ल्यूएचओ के उस कटऑफ से ऊपर है, जिसके नीचे पुरुषों के स्पर्म कंसंट्रेशन को काफी कम माना जाता है.
डॉक्टर्स का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल, अल्कोहल और सिगरेट का इस्तेमाल, अनहेल्दी खान-पान समेत कई फैक्टर स्पर्म काउंट को कम कर रहे हैं. दशकों पहले तनाव (Stress) को इसके लिए चिंताजनक नहीं माना जाता था, लेकिन अब तनाव पुरुष और महिलाओं में इनफर्टिलिटी यानी बांझपन का सबसे बड़ा कारण बन गया है. डॉ. रिचिका सहाय कहती हैं कि तनाव आपके रूटीन को बदल देता है जिसकी वजह से लाइफस्टाइल बदल जाती है. काम का दबाव आपकी लाइफस्टाइल को बिगाड़ देता है. आज के जमाने में पुरुष देर रात तक जाकर काम कर रहे हैं और इससे उनकी फर्टिलिटी साइकल प्रभावित हो रही है.