नई दिल्ली. एशिया कप में टीम इंडिया का पहला मुकाबला पाकिस्तान के साथ था और भारत ने यह मैच पांच विकेट से जीतकर टूर्नामेंट का विजयी आगाज किया। इस मैच की दोनों पारियों में आखिरी के ओवरों में सिर्फ चार फील्डर 30 गज के दायरे के बाहर थे। पहली पारी में आखिरी दो ओवर में रोहित को मजबूरन पांच फील्डर 30 गज के दायरे के अंदर रखने पड़े थे। इसके बाद दूसरी पारी में बाबर आजम को आखिरी तीन ओवरों में पांच फील्डर घेरे के अंदर रखने पड़े। टी20 में फील्डिंग के नियमों के अनुसार पावरप्ले के बाद पांच फील्डर बाउंड्री लाइन के पास रखने की अनुमति होती है, लेकिन इस मैच में ऐसा नहीं हुआ। इसकी वजह आईसीसी का नया नियम है।
आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने पिछले साल सुझाव दिया था कि अगर कोई टीम तय समय पर 20 ओवर नहीं कर पाती है तो अतिरिक्त समय में किए जाने वाले ओवरों में उसे सिर्फ चार फील्डर बाउंड्री लाइन के पास रखने की अनुमति होगी। ऐसा मैच की गति और रोमांच को बनाए रखने के लिए किया गया है। नए नियम के अनुसार गेंदबाजी करने वाली टीम को अपना आखिरी ओवर 85वें मिनट में शुरू करना होता है। अगर कोई टीम ऐसा नहीं कर पाती तो 85वें मिनट के बाद उसे एक अतिरिक्त फील्डर 30 गज के दायरे के अंदर बुलाना होता है और बाउंड्री लाइन पर सिर्फ चार फील्डर ही रह जाते हैं।
बाउंड्री लाइन में कम फील्डर होने से बल्लेबाजों को फायदा मिलता है। भारत और पाकिस्तान के मैच में भी ऐसा देखने को मिला। पाकिस्तान के पुछल्ले बल्लेबाजों ने आखिरी 11 गेंदों में 23 रन बना लिए। वहीं, भारत के लिए हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा की जोड़ी ने 16 गेंदों में 32 रन बनाकर मैच जीत लिया।
यह नियम पहली बार वेस्टइंडीज और आयरलैंड के बीच हुए मैच में लागू हुआ था। इसके बाद से सभी मैचों में यह नियम लागू है। इसी साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप में भी यह नियम जारी रहेगा। अब जो भी टीम 85 मिनट के अंदर अपना 20वां ओवर शुरू नहीं करेगी, बाकी बचे ओवरों में बाउंड्री लाइन के पास सिर्फ चार फील्डर रखने की अनुमति होगी। अगर कोई टीम 85 मिनट में 17 ओवर ही कर पाती है तो उसे बाकी तीन ओवर में एक अतिरिक्त फील्डर 30 गज के अंदर रखना होगा, जैसा पाकिस्तान के साथ हुआ।
1-6 ओवरः कम से कम सात फील्डर 30 गज के अंदर, अधिकतम दो फील्डर बाहर
7-20 ओवरः कम से कम चार फील्डर 30 गज के अंदर, अधिकतम पांच फील्डर बाहर