नई दिल्ली. यूक्रेन के साथ जंग के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रूस के ऑफर के बाद भारत ने पहले से ही सस्ता तेल खरीदना शुरू कर दिया है और भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा.

तेल खरीदने के फैसले का किया बचाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को भारत की ओर से किए जाने वाले सस्ते रूसी तेल की खरीद का बचाव किया है. मंत्रियों का रूस से सस्ता तेल खरीदने की नीति का बचाव ऐसे समय पर सामने आया है, जब यूक्रेन पर सैन्य हमले के बाद मॉस्को पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.

डिस्काउंट पर तेल की है जरूरत
सीतारमण ने कहा कि हमने रूसी तेल खरीदना शुरू कर दिया है और कम से कम 3 से 4 दिनों के लिए तेल खरीदा है. मैं अपनी ऊर्जा सुरक्षा और अपने देश के हित को सबसे पहले रखूंगी. अगर आपूर्ति छूट पर उपलब्ध है, तो मुझे इसे क्यों नहीं खरीदना चाहिए?

15 फीसदी अधिक खरीद
इस बीच जयशंकर ने कहा कि यूरोप ने रूस से एक महीने पहले की तुलना में 15 फीसदी अधिक तेल और गैस खरीदा है. मंत्री ने यह बयान ब्रिटिश विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रस की मौजूदगी में दिया. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि देशों के लिए बाजार में जाना और यह देखना स्वाभाविक है कि उनके लोगों के लिए क्या अच्छे सौदे हैं.

ब्रिटेन ने फैसले का किया सम्मान
उन्होंने कहा कि अगर हम दो या तीन महीने तक प्रतीक्षा करें और वास्तव में देखें कि रूसी गैस और तेल के बड़े खरीदार कौन हैं तो मुझे संदेह है कि सूची पहले की तुलना में बहुत अलग नहीं होगी. जयशंकर को जवाब देते हुए ट्रस ने कहा कि ब्रिटेन रूस से रियायती तेल खरीदने के भारत के फैसले का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और मैं भारत को यह बताने नहीं जा रही हूं कि उसे क्या करना है.

अमेरिका ने दी थी चेतावनी
ट्रस और जयशंकर के बयान अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह की ओर से चेतावनी दिए जाने के बाद सामने आए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका रूस से भारत के आयात में तेजी नहीं देखना चाहेगा.