नई दिल्ली। देश में महंगाई (Inflation) हाई लेवल पर बनी हुई है. लेकिन पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के स्तर पर लोगों को कई दिनों से राहत है. इस बीच सवाल ये उठ है कि कहीं फिर से लगातार कई दिनों तक ईंधन की कीमतों (Fuel Price) में बढ़ोतरी तो नहीं होगी. ऐसे संकेत इसलिए मिल रहे हैं, क्योंकि कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भी तेल कंपनियों ने दाम स्थिर रखे हुए हैं. जबकि उनका घाटा लगातार बढ़ रहा है. ऐसा ही नजारा बीते दिनों पांच राज्यों में संपन्न हुए चुनावों के दौरान दिखा था जब लंबे समय तक कोई बदलाव न होने के बाद तेल कंपनियों ने लगातार 14 बार तेल के दामों में वृद्धि की थी.

फिलहाल, देश में 115 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पेट्रोल और डीजल (Petrol And Diesel) की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. बीते 6 अप्रैल के बाद से इनकी कीमतें स्थिर बनी हुई है. जबकि क्रूड ऑयल (Crude Oil) इस अवधि में एक समय 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका है, हालांकि इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके भाव में कमी आई है. वहीं बदलाव की बात करें तो दिल्ली, मुंबई समेत देश के प्रमुख शहरों में आखिरी बार 22 मई को पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए गए थे, जबकि सरकार ने तेल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में कटौती की थी.

इससे पहले भी पिछले साल दिवाली (Diwali) पर देश की जनता को तोहफा देते हुए सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती की थी. इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आई थी. सबसे खास बात यह रही कि इस कमी के बाद लगातार 137 दिनों तक देश में ईंधन की दाम (Fuel Price) बिना बदलाव के स्थिर रहे थे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में इजाफे के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखना तेल कंपनियों (Oil Companies) पर भारी पड़ा था. ये स्थिरता तब तक बनी रही जब तक कि देश के पांच राज्यों के चुनाव परिणाम सामने नहीं आ गए.