अपने पति को ब्रेन ट्यूमर की वजह से खोने वाली एक महिला ने उसके दूसरे बच्चे को जन्म दिया है. बच्चा पति की मौत के 16 महीने बाद पैदा हुआ. इस महिला ने अपनी इमोशनल स्टोरी शेयर की है. उसका कहना है कि उसे IVF की मदद लेनी पड़ी. 38 साल की जसदीप सुमल ने अपने दूसरे बच्चे अमनदीप को 9 अप्रैल को जन्म दिया है. यानी पति अमन सुमल की मौत के एक साल से अधिक समय बाद.
मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, अमन अगस्त 2020 में दौरे पड़ने और सिर दर्द के बाद ग्रेड चार के ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित पाए गए थे. उन्हें कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी भी करानी पड़ी, लेकिन सेहत हर दिन बिगड़ रही थी. उन्होंने 36 साल की उम्र में दिसंबर 2021 में दुनिया छोड़ दी. उन्होंने अपने पीछे पत्नी और दो साल के बेटे राजन को छोड़ा. उनकी मौत के बाद जसदीप ने अपना और अपने पति का एक और बच्चा पैदा करने का सपना पूरा करने की ठानी.
उन्होंने अमन के जन्मदिन से एक हफ्ते पहले बेटी को जन्म दिया है. जसदीप एक डाटा एनालिस्ट हैं और लंदन में रहती हैं. उनका कहना है, ‘हम हमेशा से ही एक और बच्चे की योजना बना रहे थे, तभी अमन बीमार पड़ गए और फिर सब बिगड़ता चला गया, हमें कभी मौका ही नहीं मिला. जब वो यहां थे, तभी मैंने इस बारे में सोच लिया था. मुझे पता था कि उनके पास लंबा समय नहीं है. सोचा कि अगर वो समझ सकते हैं तो उन्हें बताना अच्छी बात होगी, लेकिन वो दिसंबर 2021 में नहीं रहे और तभी से मैं उन्हें खोने के गम से जूझ रही हूं.’
वो कहती हैं, ‘अमन से ही मुझे ताकत मिली कि मैं ये कर सकती हूं. वो उस मुश्किल वक्त में भी मजबूत बने रहे और मैं भी जानती थी कि जो मैं करूंगी उससे मुश्किल कुछ नहीं है.’ शुरुआत में अमन को लो-ग्रेड का ट्यूमर था, उन्हें दवाएं दी गईं. फिर तीन महीने बाद स्कैन के लिए आने के लिए कहा. बाद में पता चला कि ग्रेड चार का ट्यूमर हो गया है. और केवल 12-18 महीनों का वक्त बचा है.
जसदीप बीते साल अगस्त में गर्भवती हुईं. यानी पति की मौत के आठ महीने बाद और अपने पति के नाम पर ही बेटी का नाम अमनदीप रखा. उनका कहना है, ‘मैंने सोच लिया था कि उसका नाम अमन ही रखना है, क्योंकि हमारे धर्म में लड़का-लड़की दोनों का नाम अमन रखा जा सकता है लेकिन फिर मैंने हम दोनों के नाम को जोड़कर एक अलग नाम रखने का फैसला लिया. मुझे पता है कि अमन को भुलाया नहीं जा सकता लेकिन ऐसा करके उनकी एक और याद हमें मिल जाती है. उम्मीद है कि हमारे दोनों बच्चे इस तरह बड़े होंगे, कि वो अपने पिता को जानते हैं.’