नई दिल्ली। सप्ताह के सभी दिन घर या कहीं से भी काम करने की व्यवस्था अब जल्द बंद हो सकती है. एक सर्वे के अनुसार, कंपनियां हाइब्रिड मॉडल अपनाना चाह रही हैं. सर्वे में शामिल 73 फीसदी कंपनियों ने कहा है कि वह कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने के बजाय हाइब्रिड मॉडल के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं. यह सर्वे रियल एस्टेट फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने किया है.

कोविड-19 महामारी के बाद कंपनियों का फ्लेक्सिबल कार्य व्यवस्था की तरफ अधिक रुझान बढ़ा है. इसलिए हाइब्रिड वर्क मॉडल अपनाना चाह रही हैं. 78 फीसदी अधिकारियों ने वर्क फ्रॉम ऑफिस व्यवस्था दोबारा शुरू करने के लिए कर्मचारियों के स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण कारक माना है.

सर्वे के अनुसार, कंपनियां हाइब्रिड वर्क के लिए 4 तरह के पैटर्न पर विचार कर रही हैं. विशिष्ट परिस्थितियों में वर्क फ्रॉम होम, हफ्ते में 3 से अधिक दिन वर्क फ्रॉम ऑफिस, वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस के एकसमान दिन और हफ्ते में 3 दिन से अधिक रिमोर्ट वर्क ये 4 पैटर्न हैं. सर्वे के अनुसार, टेक्नोलॉजी कंपनियां या तो वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस के समान मिश्रण वाले पैटर्न या अधिकतम वर्क फ्रॉम ऑफिस वाले पैटर्न को फॉलो करना चाहती हैं. वहीं, ऑफिस वापस लौटने को लेकर अधिकांश कर्मचारियों का कहना है कि वह सस्टेनेबिलिटी और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर यह फैसला लेंगे

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑफिस स्पेस की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि 62 प्रतिशत उत्तरदाताओं का इरादा अगले तीन वर्षों में अपने रियल एस्टेट पोर्टफोलियो के आकार को बढ़ाने का है. इस बीच, एक तिहाई उत्तरदाताओं ने अपनी फ्लेक्सिबल पोर्टफोलियो रणनीति के हिस्से के रूप में को-वर्किंग स्पेस के जरिए काम करने की बात कही है.

सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए सीबीआरई के अंशुमान मैगज़ीन ने कहा है कि भारत के शहरों में ऑफिस में लोगों की वापसी पहले से ही शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा है कि बड़े स्तर पर हाइब्रिड मॉडल को अपनाए जाने के बावजूद अभी भी कंपनियां कर्मचारियों को दी जाने वाली फ्लेक्सिबिलिटी पर विचार कर रही हैं.