बागपत। यमुना की बाढ़ ने तबाही मचा दी है। बागपत शहर समेत गांवों की दर्जनों बस्तियों में पानी घुसने से 200 से ज्यादा परिवार पलायन कर सुरक्षित ठिकानों पर चले गए। सांकरौद में अलीपुर तटबंध टूटने से ग्रामीणों तथा प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसी तरह तटबंध की मरम्मत कराकर पानी रोकने में सफल रहे।

यमुना का पानी बागपत शहर में माता कालोनी के शहीद, संजीदा, मंगते समेत एक दर्जन घरों तथा एक मदरसे में घुस गया। इन घरों में रह रहे लोग जान बचाकर भागे लेकिन उनके पशु तथा ट्रैक्टर समेत तमाम सामान पानी में फंसा रह गया। शहर की यमुना विहार कालोनी व इस्लामनगर बस्ती में पानी घुसने से सैकड़ों परिवारों में खलबली मच गई। दोनों कालोनियों में एक दर्जन घरों में पानी घुसने से लोग टेंशन में आ गए।

शहर की इन कालोनियों में पानी घुसने की सूचना पर एसडीएम तथा तहसीलदार टीम लेकर दौड़े तथा बुलडोजर से मिट्टी की खाई लगाकर पानी को काफी हद तक रोकने में सफल रहे। बागपत शहर के संपूर्ण यमुना खादर में करोड़ों की फसलें बह गईं हैं। फैजपुर निनाना, नैथला, गौरीपुर जवाहनरगर, निवाड़ा व सिसाना गांवों के झील के क्षेत्र में काफी दूर तक पानी घुसने से हजारों ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई। काठा गांव में यमुना का पानी आबादी के करीब पहुंच गया है।

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह, एडीएम पंकज वर्मा, प्रभारी कृषि उप निदेशक बाल गोविंद यादव, एसडीएम खेकड़ा तथा तहसीलदार मौके पर पहुंचे और लोगों को सतर्कता बरतने की हिदायत दी। जिला प्रशासन में शाम पांच बजे तब हड़कंप मच गया जब सूचना मिली कि सांकरौद में अलीपुर बांध टूट गया है। बिना देरी किए डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। बुलडोजर लगवाकर मामूली रूप से टूटे तटबंध की मरम्मत कराकर पानी रुकवाने में सफल रहे। तटबंध की मरम्मत में थोड़ा विलंब होता तो पानी तबाही मचा सकता था।

एडीएम ने बताया कि सुभानपुर में भी तटबंध टूटने की सूचना मिली था जिसे ठीक करा दिया। पाली गांव में यमुना का पानी आबादी के निकट पहुंच गया है जिससे वहां से एक दर्जन परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। वहीं, प्रशासन ने उन क्षेत्रों में सर्वे शुरू करा दिया जहां पानी घुसने की आशंका है ताकि समय रहते लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया जा सके। 12 बाढ़ चौकियां खोली गई हैं। शाम छह बजे हथिनीकुंड बैराज से 1.31 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया। शाम आठ बजे यमुना जल स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर 233 मीटर था।