कौशांबी. यूपी के कौशांबी जिले में धर्मांतरण के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोप है कि युवक ने पहले अपना धर्म छिपाकर शादी की. शादी के बाद जब उसकी सच्चाई सामने आई तो उसने पत्नी पर भी ईसाई धर्म को अपनाने के लिए दबाव बनाया. जब पत्नी ने धर्मांतरण करने से इनकार कर दिया तो उसे मारपीट और प्रताड़ित करता रहा. ससुरालीजनों ने धर्मांतरण के लिए लड़की को मजबूर करने के और दहेज में कार की डिमांड रखी. साथ ही कहा गया कि अगर वह ईसाई धर्म को अपना लेती है तो दहेज़ में कार नहीं लेंगे. लेकिन फिर भी लड़की ने अपना धर्म नहीं बदला. जिसके बाद ससुराल वालों ने लड़की को मारपीट कर घर से निकाल दिया. इस मामले में पुलिस ने एसपी के आदेश पर रिपोर्ट तो दर्ज कर लिया है, लेकिन तहरीर में धर्मांतरण के लिए प्रताड़ित करने का स्पष्ट उल्लेख होने के बाद भी आरोपियों पर धर्मांतरण की धाराएं नही लगाई गई है. घटना कोखराज थाना क्षेत्र के पुरानी बाजार भरवारी की है.
धर्मांतरण के लिए पति की प्रताड़ना की शिकार हुई यह लड़की कोखराज थाना क्षेत्र के राला गांव की रहने वाली है. पीड़ित लडक़ी सीमा चौरसिया ने बताया कि 25 अप्रैल 2019 को उसकी शादी हिंदू रीति रिवाज के साथ पुरानी बाजार भरवारी के रहने वाले संदीप चौरसिया के साथ हुई थी. मायके से विदा होने के बाद जब वह पहली बार अपने ससुराल के दहलीज पर कदम रखा तो वहां के रस्म और रिवाज से वह दंग रह गई. उसने बताया कि मुझे ईसाई धर्म के ग्रंथ पर हाथ रखकर प्रार्थना करने के लिए कहा गया. लेकिन उसने ऐसा करने से साफ मना कर दिया. पीड़िता ने बताया कि उसे पता चल गया था कि ससुराल वाले ईसाई धर्म को मानते है. वह मुझे भी ईसाई धर्म अपनाने के लिए बार-बार दबाव बनाते रहे, लेकिन मेरी आस्था हिंदू धर्म में है.
पीड़ित लड़की के मुताबिक वह अपने ससुराल वालों की प्रताड़ना सहती रही. ससुरालीजनों ने धर्मांतरण के लिए मजबूर करने के लिए दहेज में कार की डिमांड तक कर दी और यह शर्त रखी कि अगर वह ईसाई धर्म को अपना लेती है तो वह दहेज में कार नही लेंगे. इसके बाद भी उसने अपना धर्म नहीं बदला. जिसके बाद ससुराल वालों ने लड़की को बेरहमी से मारपीट कर घर से निकाल दिया. बदहवास हालत में जब लड़की अपने घर पहुंची तो उसकी यह दशा देखकर उसका पिता सहन नहीं कर सका और ब्रेन हेमरेज से पिता सियाराम की मौत हो गई. हैरानी की बात है कि इस मामले की शिकायत लेकर जब लड़की थाने गई तो पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की.
पीड़िता सोमवार को मामले की शिकायत लेकर एसपी से मिली और कार्रवाई की गुहार लगाई. एसपी के आदेश के बाद पुलिस ने पीड़िता का केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन तहरीर में धर्मांतरण के लिए प्रताड़ित करने का स्पष्ट उल्लेख होने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों पर धर्मांतरण की धाराएं नहीं लगाई. इस मामले में पुलिस अफसरों की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई बयान भी सामने नहीं आया है, लेकिन ऑफ रिकार्ड उनका यही कहना है कि दौरान विवेचना पीड़िता का बयान दर्ज कर आरोपियों पर धर्मांतरण की धाराएं बढ़ाई जाएगी. ऐसे में सवाल बड़ा है कि महिला उत्पीड़न और धर्मांतरण के मामलों को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. इसके बाद भी पुलिस ऐसे मामलों में लापरवाही की हदें पार करने से बाज नही आ रही है.