मुजफ्फरनगर। 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत नगरपालिका परिषद् को प्राप्त करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से शहरी क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों के प्रस्तावों को लेकर इस बार भी भारी खींचतान नजर आ रही है। इस मामले में विकास प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए डीएम ने बैठक बुलाई, चेयरपर्सन को बिना बताए ही पालिका के जेई निर्माण ने विकास प्रस्ताव सीधे दे दिए, जिसको लेकर नाराजगी बनी रही।
शहर के विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट प्राप्त हुई है। इस धनराशि से नाली और सड़कों का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसमें नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन की संस्तुति पर विकास प्रस्ताव तैयार किए गए। सूत्रों का कहना है कि उनकी सूची पर ऐतराज हुआ और उसको बदल दिया गया। बाद में जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के निर्देश पर पालिका के नोडल अधिकारी एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने इस सूची को तैयार कराया। इसमें कुछ सड़कों की जांच भी कराई गई। इसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
सूत्रों का कहना है कि पालिका के जेई निर्माण कपिल कुमार के द्वारा एक जनप्रतिनिधि के कहने पर कुछ वार्डों की सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव तैयार कराकर सीधे ही जिला प्रशासन को भेज दिए गए। इसके लिए पालिका चेयरपर्सन को भी जानकारी नहीं दी गई। डीएम ने पालिका के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान करने के लिए कलक्ट्रेट स्थित कार्यालय पर मीटिंग बुलाई, जिसमें चेयरपर्सन को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन नाराजगी के चलते पहले तो उन्होंने इस बैठक में जाने से मना किया। मगर बाद में वह इस मीटिंग में शामिल हुई। डीएम चंद्रभूषण को भी अपनी आपत्ति से अवगत कराया।
नगरपालिका परिषद् में बोर्ड बैठक की तैयारी शुरू कर दी गई है। अगले दो तीन दिनों में एजेंडा जारी करने की संभावना है। इसके लिए चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने ईओ हेमराज सिंह को आदेश जारी करते हुए बोर्ड मीटिंग के लिए सभी विभागों से प्रस्ताव तैयार कराने और जल्द से जल्द एजेंडा तैयार करते हुए अनुमोदन के लिए उनके सामने प्रस्तुत करने के लिए कहा है।