सहारनपुर. यूपी के सहारनपुर में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नाम की गफलत में पुलिस ने लोन नहीं चुकाने के आरोपी की जगह दूसरे व्यक्ति को जेल भेज दिया। पीड़ित अपनी बेगुनाही का सबूत देता रहा, लेकिन पुलिस उसकी एक नहीं सुनी। अगले दिन अदालत में पुलिस को गलती का अहसास हुआ। पीड़ित ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। एसएसपी ने मामले में जांच बैठा दी है।
मामला देहात कोतवाली क्षेत्र का है। कृष्णा एनक्लेव निवासी मौ. इकराम का कहना है कि सात अगस्त को पुलिस ने उसे बुलाया और उसके गैर जामनती वारंट होने की बात कही। इकराम ने अपना दोष पूछा तो पुलिस ने बताया कि उसने कार पर डेढ़ लाख रुपये का लोन लिया था, जो चुकाया नहीं। इकराम ने लोन नहीं लेने की बात कही, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और उसे जेल भेज दिया। सोमवार को मौ. इकराम ने अदालत में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की, जहां पर इकराम ने बेगुनाही के सबूत भी पेश किए।
पुलिस के मुताबिक, जिस व्यक्ति को जेल भेजा गया है, उसका नाम इकराम पुत्र हाजी महंदी है। इकराम पहले चौधरी विहार में रहते थे। उधर, जिस व्यक्ति के वारंट जारी हुए थे उसका नाम भी इकराम पुत्र महंदी है और वह भी पहले चौधरी विहार में ही रहता था। इसी गफलत में पुलिस से चूक हुई, लेकिन सही से जांच न करना भी पुलिस की लापरवाही का दर्शाता है।
मौ. इकराम का कहना है कि वह कारोबारी है और कारोबार के सिलसिले में 2009 से दोहा में रहता है। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण वह सहारनपुर अपने परिवार में वापस आया था। उनका कहना है कि पुलिस की गलती से उन्हें काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया, यह गंभीर मामला है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।