बागपत। उत्तर प्रदेश के बड़ौत में तिहरे हत्याकांड का आरोपी अमरपाल रविवार रात को शराब पीकर घर पहुंचा। उसने सबके साथ बैठकर खाना खाया। शराब पीने का विरोध करने पर पिता बृजपाल से झगड़ा करने लगा। कहने लगा कि उसे जमीन से बेदखल कर दिया है, बहनों ने नौकरी कर उसकी इज्जत उछाल दी है। किसी तरह से शांत कर सोने के लिए भेज दिया। लेकिन रात में दो बजे उसने हत्याकांड को अंजाम दे डाला। इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने के 16 घंटे बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वह तिहरे हत्याकांड के बाद यमुना में जाकर नहाया भी था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसे बहनों और पिता की हत्या का कोई अफसोस नहीं है। आगे विस्तार से जानें इस जघन्य अपराध की पूरी कहानी।

हत्यारोपी की मां शशिप्रभा के अनुसार बेटा अमरपाल उर्फ लक्ष्य तोमर नशे की लत लगने के कारण जमीन बेचने लगा था। इसलिए ही पिता बृजपाल ने उसे बेदखल कर दिया और वह तभी से नाराज हो गया था। वह अधिकतर घर से बाहर रहता था और घर में कुछ देर के लिए आने के बाद फिर चला जाता था।

हत्यारोपी अमरपाल की मां शशिप्रभा ने बताया कि रात को अनुराधा अलग कमरे में व दूसरे कमरे में बृजपाल सोफे पर व ज्योति जमीन पर सो गई। जबकि शशिप्रभा सोने के लिए छत पर चली गई। सभी सो गए थे, लेकिन बृजपाल वाले कमरे में चारपाई पर लेटा हुआ अमरपाल जाग रहा था। वह करीब दो बजे उठा और उसने लोहे के नुकीले हथियार से सबसे पहले सोफे पर सो रहे पिता बृजपाल पर हमला करना शुरू कर दिया।

अमरपाल पिता का शव खींचकर मकान के बाहर लेकर आया तभी आवाज सुनकर दूसरे कमरे में सोई हुई अनुराधा की आंख खुली और वह अमरपाल की तरफ दौड़ी तो उसे भी बेड पर ही गिराकर फाली (कृषि यंत्र) से वार करने लगा। तभी ज्योति की आंख खुल गई और वह चिल्लाई तो छत पर सो रही शशिप्रभा भी नीचे आई। लेकिन तब तक आरोपी ने अनुराधा के साथ ही ज्योति को भी मौत के घाट उतार दिया। शशिप्रभा ने विरोध किया तो उसने मां शशिप्रभा को भी गला दबाकर मारने का प्रयास किया। शशिप्रभा की चीख सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। लोगों की आहट सुनकर आरोपी पीछे के गेट से बाइक पर सवार होकर फरार हो गया।

शशिप्रभा के अनुसार अमरपाल उर्फ लक्ष्य तोमर नशे में धुत रहता था और खेती-बाड़ी व घर के कामकाज में हाथ नहीं बंटाता था। वह आए दिन अपने पिता, मां व दोनों बहनों के साथ मारपीट व गाली-गलौज करता था। वह शराब के लिए घर का सामान बेच देता था और उसने चार बीघा जमीन भी बेच डाली थी। अब केवल चार बीघा ही जमीन बची थी। उसकी हरकतों को देखते हुए एक महीने पहले ही उसको बेदखल कर दिया था। परिजनों ने अमरपाल की हरकतों व नशे की लत के कारण ही उसकी शादी नहीं कराई थी।

अनुराधा जनता वैदिक इंटर कालेज की एनसीसी कैडेट थी और वीर स्मारक इंटर कालेज की 12 वीं की छात्रा थी। ज्योति अमेजन कंपनी में नौकरी करती थी, फिलहाल उसने नौकरी छोड़ रखी थी। तिहरे हत्याकांड का आरोपी हत्या करने के बाद खादर में यमुना किनारे पहुंचा और यमुना में नहाया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वह पहले जोनमाना पहुंचा और वहां पर दस मिनट रुकने के बाद ढिकाना पहुंच गया। वहां करीब पंद्रह मिनट रुककर लुहारी पहुंचा और एक खेत की चकरोड पर लगभग डेढ़ घंटा बैठा रहा।

उसके बाद लगभग पांच बजे वह राजपुर खामपुर होते हुए खेड़ा हटाना में यमुना पर पहुंचा। आरोपी खेड़ा हटाना यमुना नदी पर पहुंचने के बाद नहाया और कपड़े भी बदले। वह आते हुए अपने साथ ज्योति व अनुराधा के मोबाइल फोन भी लाया था। उसने दोनों के मोबाइल फोन और अपने खून से सने कपड़े यमुना में फेंक दिए। आरोपी अमरपाल उर्फ लक्ष्य तोमर ने कहा कि उसे इन तीन हत्याओं का जरा भी पछतावा नहीं है।

परिवार में पति व दो बेटियों के शव को देख पूरी रात शशिप्रभा रोती रही। जब पुलिस उसके घर पहुंची तो उसने कहा कि ऐसे बेटे को फांसी की सजा होनी चाहिए, जिसने पूरा परिवार उजाड़ दिया। उसे फांसी की सजा होगी तो उसके कलेजे को ठंडक मिलेगी। शशिप्रभा का कहना है कि जिस तरह हत्याओं को अंजाम दिया गया है, उसमें अमरपाल के साथ रहने वाला एक युवक भी शामिल है। एक साथ तीन को अकेला नहीं मार सकता है। आरोप लगाया कि जिस तरह से हत्या में फाली, चाकू का इस्तेमाल किया गया है, उससे साथ में कोई अन्य युवक जरूर होगा।