मुजफ्फरनगर। भूमि अधिग्रहण में किसानों पर दर्ज मुकदमे आदि समस्याओं को लेकर भाकियू अराजनैतिक ने बुधवार को सदर तहसील को घेर लिया। किसानों ने तहसील के दोनों गेट पर ट्रैक्ट ट्रालियां खड़ी कर रास्ता बंद कर दिया। एसडीएम भी अपने कक्ष के अंदर ही बैठे रहे। बाहर कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। तहसील के दोनों गेट पर ट्रैक्टर ट्राली खड़ी होने से बाहर सड़क पर भी जाम लग गया। पुलिस ने काफी जदेजेहद के बाद गेट से ट्रैक्टर हटवाए।
भाकियू अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष अमित चौधरी और मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान के नेतृत्व में बुधवार को करीब 11 बजे भाकियू कार्यकर्ता ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर सदर तहसील पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर ट्रालिया तहसील के दोनों गेट के आगे खड़ी कर गेट बंद कर दिए। इससे तहसील में अवागमन रुख गया। कार्यकर्ता अंदर एसडीएम कार्यालय के बार ही धरना देकर बैठ गए। एसडीएम के कार्यालय का रास्ता भी बंद कर दिया। सदर में घुसे तो एसडीएम सदर परमानंद झा अपने ही कार्यालय में मौजूद थे और कामकाज निपटा रहे थे। किसानों ने उनको कार्यालय का रास्ता भी बंद हो गया। जिलाध्यक्ष अंकित चौधरी ने कहा कि जनपद में पुलिस और प्रशासनिक अफसर बेलगाम हो रहे हैं। किसानों की समस्याओं को निपटाने के बजाये किसानों को ही प्रताड़ित किया जा रहा है।
मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान ने कहा कि जनपद में एनएच-709 के निर्माण और रेलवे के द्वारा निर्मित किये जा रहे डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर के तहत गांव जट नंगला के काफी किसानों की भूमि अधिग्रहित की गयी, इनमें कई किसानों को मुआवजा दिया नहीं गया और उन पर मुकदमे दर्ज करा दिये गये हैं। यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को बाहर बुलाने की मांग भी की लेकिन एसडीएम अपने कक्ष में ही बैठे रहे। किसानों ने चेतावनी दी कि जब तक दर्ज मुकदमे वापिस नहीं जाते तब तक उनका धरना जारी रहेगा। इस तरह से धरना बेमियादी में तब्दील कर दिया है। इस दौरान युवा जिलाध्यक्ष अक्षय त्यागी, राजीव बालियान, सुधीर पहलवान, ठा. कुशलवीर सिंह, बलवन्द ठाकुर, दुष्यंत सहरावत, पीयूष पंवार और नौशाद अली सहित सैंकड़ों किसान मौजूद रहे।
तहसील गेट पर किसानों के वाहन खड़े होने के चलते बाहर सड़क पर लोग जाम से जूझते रहे। दोपहर के समय लोग घंटों जाम में फंसे रहे। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद गेट से वाहन हटवाए। इसके अलावा तहसील के बाहर खड़े वाहनों को भी व्यवस्थित कर जाम खुलवाया।