मुजफ्फरनगर। पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में हो रही वर्षा से रामराज क्षेत्र के गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिन्दु से ऊपर पहुंच गया। जिसके चलते प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट करते हुए ग्रामीणों को गंगा किनारे जाने से मना किया है। वही हरिद्वार से करीब 3 लाख 24 हजार क्यूसेक जल और छोड़ा गया जो गंगा बैराज पर दोपहर तक पहुचेगा। जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ है।
शिवालिक की पहाड़ियों व मैदानी क्षेत्रों में कई दिनों से हो रही वर्षा से गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिन्दु से ऊपर पहुच गया। जिससे प्रशासन व सिचाई विभाग में हडकंम्प मच गया। शनिवार की सुबह रामराज के मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर डाउनस्ट्रीम में चेतावनी बिंदु 219 मीटर को पार कर 219.40 पर पहुंच गया तथा 1 लाख 34 हजार क्यूसेक जल के निस्तारण की माप दर्ज की गई।
गंगा में अत्यधिक सिल्ट आ जाने के कारण मध्य गंगा नहर को बन्द कर गंगा बैराज के सभी 28 गेटो को जल निकलने के लिए खोल दिया गया है। सिंचाई विभाग मेरठ की ड्रेनेज डिवीजन प्रथम के सहायक अभियंता अशोक जैन ने बताया कि हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से करीब तीन लाख 34 हजार क्यूसेक जल गंगा में छोड़ा गया है। जो की दोपहर करीब 1 बजे के आसपास गंगा बैराज पर पहुंच जाएगा।
इससे गंगा का जलस्तर बढ़ने की संभावना है। मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया। वही गंगा में जलस्तर बढ़ने के चलते सिचाई विभाग व प्रशासन में हडकंम्प मचा हुआ है। तथा सिचाई विभाग के अधिकारी गंगा बैराज पर डेरा डालकर बार-बार जलस्तर की स्थिति का जायजा ले रहे है। एसडीएम जानसठ जैनेन्द्र ने बताया कि गंगा के जलस्तर में व्रद्धि होने की सम्भावना के चलते सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर मनादि कराते हुए सुरक्षा की दृष्टि से ग्रामीणों को गंगा के किनारे पशु चराने व गंगा के किनारे जाने से मना करा दिया है।