हरियाणा के सोनीपत के गांव सफियाबाद के शराब कारोबारी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के एसएचओ और सिपाही पर शराब से भरे कैंटर को यूपी ले जाकर अवैध शराब व शस्त्र अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया है। साथ ही आरोप लगाया कि 10 लाख रुपये की मांग की गई।

मना करने पर 1.30 लाख छीन लिए गए। उनके पास पिस्तौल का लाइसेंस था, लेकिन अवैध शस्त्र का मुकदमा दर्ज कर दिया। कारोबारी ने कोर्ट में इस्तगासा दायर कर शामली के थाना कांधला के एसएचओ और सिपाही पर कुंडली थाना में मुकदमा दर्ज कराया है।

गांव सफियाबाद के रहने वाले रविंद्र ने बताया कि उसने आबकारी विभाग से लाइसेंस लेकर शराब का ठेका खोलने के साथ ही हलालपुर गांव में गोदाम बना रखा है। वह कैंटर में लोड कराकर शराब को एक गोदाम से दूसरे गोदाम पर भेजता है। आरोप है कि 5 अगस्त को कैंटर में शराब की 12 सौ पेटियां लोड कर नाहरी व आसपास के ठेकों पर सप्लाई को लेकर गए थे।

कैंटर पर रणबीर चालक था। जब काफी देर तक कैंटर शराब की सप्लाई करने के लिए ठेकों पर नहीं पहुंचा तो उसने कैंटर का जीपीएस सिस्टम चेक किया। जिससे उसे पता लगा कि शराब से लदा कैंटर मवी कलां टोल पार कर यूपी के बड़ौत पहुंच चुका है। उसके बाद जीपीएस बंद कर दिया गया।

उसने चालक से बात की तो उसे बताया गया कि कैंटर जब छतेहरा गांव के पास पहुंचा तो यूपी पुलिस के सिपाही ललित व तीन युवकों ने कैंटर को रोक लिया था। उन्होंने कैंटर के चालक रणबीर को अपनी कार में बैठा लिया था। वह कैंटर को यूपी ले गए। इसके बाद शराब कारोबारी कैंटर तक पहुंच गया।

रविंद्र ने यूपी पुलिस को शिकायत दी, लेकिन कैंटर छोड़ने की एवज में 10 लाख रुपये की मांग की गई। जब उसने पैसे देने से मना कर दिया तो यूपी पुलिस ने कारोबारी रविंद्र, सुमित और चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। उससे जबरदस्ती 1.30 लाख रुपये व मोबाइल छीन लिया।

लाइसेंस होने के बावजूद अवैध शस्त्र अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया। उसने इसकी शिकायत हरियाणा व यूपी पुलिस से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। उसने कोर्ट की शरण ली। अब कोर्ट के आदेश पर यूपी के शामली के कांधला थाना के एसएचओ व सिपाही ललित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में सभी तथ्यों की जांच की जाएगी। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।