मुजफ्फरनगर। प्रदूषित पानी फैलाने का आरोप लगाते हुए मंसूरपुर की डिस्टीलरी को बंद कराने की मांग को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नई मंडी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर रालोद नेता विशाल बोपाड़ा के नेतृत्व में ग्रामीणों व किसानों ने उग्र प्रदर्शन कर तालाबंदी कर अपना विरोध जताया। उग्र किसानों ने प्रदूषण विभाग के उच्च अधिकारियों को बुलाने की मांग करते हुए कर्मचारियों को बंधक बना लिया। बाद में पुलिस ने मामले में दखल देते हुए कर्मचारियों को किसानों के चुंगुल से मुक्त कराया।

इस दौरान कार्यलय का ताला खुलवाने को लेकर पुलिस अधिकारियों और किसानों की झड़प हुई। जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठी फटकारते हुए 5 किसानों को हिरासत में ले लिया बाद में नामजद अभियोग दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वही क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि मंसूरपुर डिस्टलरी आधे पहले से ही बंद है। गत रविवार को वहां जाकर प्रदूषण विभाग की टीम ने सैंपल लिए थे। जिसे गाजियाबाद जांच के लिए भेजा गया है। शुक्रवार को रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गुरुवार को सुबह के समय नई मंडी स्थित उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय पर पहुंचकर किसानों ने अपना विरोध दर्ज किया। ग्रामीण अनुज कुमार ने बताया कि किसान को धरना शांतिपूर्ण चल रहा था। लेकिन अचानक से पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद पुलिस और किसानों में बातचीत चल रही थी। तभी पुलिस के लोगों ने ग्रामीणों को जबरन धरना खत्म करने के लिए कहा। पुलिस ने जबरन 5 किसानों को पकड़ लिया। धरना दे रहे किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने किसानों को धरना स्थल से खदेड़ दिया। बाद में पुलिस ने हथोड़े से प्रदूषण विभाग कार्यालय का ताला तोड़कर अधिकारियों को अंदर पहुंचाया।

वहीं ग्रामीणों की माने तो प्रदूषण विभाग को कई बार इस बारे में शिकायत की गई, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने फैक्ट्री को बंद नहीं किया। फैक्ट्री के दूषित कैमिकल से भूमि के अंदर जाने से क्षेत्र के कई गांव दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। क्षेत्र के सरकारी हैंडपंपों का पानी 98 प्रतिशत तक खराब है। उन्होंने कहा कि दूषित पानी पीने से बच्चे, बूढ़े सहित आम ग्रामीण मर रहे हैं। अधिकांश लोगों को केंसर और पेट की अन्य बिमारियों हो रही है।