मुजफ्फरनगर। अदालत ने शामली से एक करोड़ रुपये की फिरौती के लिए किए गए व्यापारी के अपहरण के मामले में आठ अपहरणकर्ताओं को उम्रकैद और 60-60 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। साक्ष्य के अभाव में एक आरोपी अभिषेक उर्फ अब्बू को बरी कर दिया गया। सत्र परीक्षण विशेष अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) कोर्ट नंबर-दो के पीठासीन अधिकारी छोटे लाल यादव की अदालत में हुआ।
एडीजीसी फौजदारी किरन पाल सिंह ने बताया कि वारदात अक्तूबर वर्ष 2007 की है। शामली के वीवी इंटर कॉलेज के पास राजकमल सिंघल के अपहरण का मुकदमा थाना कोतवाली नगर में कायम कराया गया था। पुलिस ने दोषी अमित को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ के आधार पर खेत से राजकमल सिंघल को बरामद कर वारदात में संलिप्त अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 12 मुजरिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने वादी महेंद्र प्रकाश, पीड़ित राजकमल सिंघल एवं उसके नौकर सहित चार लोगों की गवाही कराई। अदालत ने आठ को दोषी करार दिया।
सोमवार को सचिन निवासी हैदरनगर तितावी, सत्तार निवासी सहजी माजरा थाना बड़गांव जिला सहारनपुर, ताहिर निवासी गांव बाबूपुरा थाना नानौता जिला सहारनपुर, इंतजार और इश्तियाक निवासी गांव ख्वाजपुरा थाना झिंझाना, गजेंद्र, धर्मेंद्र एवं पारस को आईपीसी की धारा 364ए, 120बी एवं 368 में आजीवन कारावास एवं 60-60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
शामली नगर में वीवी इंटर कॉलेज के पास व्यापारी राजकमल सिंघल की राज ऑयल ट्रेडर्स नामक फर्म थी। 11 अक्तूूबर वर्ष 2007 की शाम को वह दुकान बंद कर अपने नौकर के साथ घर लौट रहे थे। उसी समय रास्ते में वर्मा पार्क के पास अज्ञात बदमाशों ने हथियारों की नोंक पर उन्हें कार में डालकर अपहरण कर लिया था। अपह्रत व्यापारी की रिहाई के बदले बदमाशों ने परिजनों से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने छह दिन बाद ख्वाजपुरा के जंगल से राजकमल सिंघल को बरामद किया था।
एडीजीसी ने बताया मामले में रमेश लाठर जमानत के बाद से फरार चल रहा है। अदालत से सीआरपीसी की धारा 82/83 की कार्रवाई की जा चुकी है। उसकी फाइल पृथक कर दी गई है। अदालत ने एक घटना के तीन सत्र परीक्षणों में आठों आरोपियों पर फैसला एक साथ सुनाया। आरोपी मनोज फौजी और अमित की दौरान ट्रायल मौत हो गई थी।