नई दिल्ली, आइएएनएस। अफगानिस्तान पर जबरिया कब्जा जमाने वाले तालिबान का असली चेहरा धीरे-धीरे सामने आने लगा है। तालिबान आतंकियों ने कंधार और हेरात में भारत के वाणिज्य दूतावासों पर धावा बोला है और वहां से अहम दस्तावेज एवं कई वाहन भी ले गए हैं। भारत ने इन दूतावासों से पहले ही अपने स्टाफ को निकाल लिया है। कई और देशों के दूतावासों की तलाशी लेने की बात भी सामने आ रही है। यही नहीं, तालिबान आतंकियों ने अल्पसंख्यक हजारा समुदाय (शिया) के नौ लोगों की भी हत्या कर दी है। इनमें से तीन लोगों को तो घोर यातना देकर मारा है।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दो दिन पहले ही कहा था कि किसी भी देश के दूतावास या उसके कर्मचारियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने भारत के पास संदेश भी भिजवाया था कि वह अपने दूतावासों को बंद नहीं करे। तालिबान पर कब्जे के दो दिन बाद पहले प्रेस कांफ्रेंस में तालिबान ने दुनिया की नजरों में अपनी बदली छवि भी पेश करने की कोशिश की थी। महिलाओं को शिक्षा और काम करने का अधिकार देने और किसी के खिलाफ भी बदले की भावना से काम नहीं करने का भरोसा दिलाया था।
कंधार और हेरात के साथ ही मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद में भारत के चार वाणिज्य दूतावास हैं, जिन्हें 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद ही बंद कर दिया गया था। कंधार और हेरात के ताले तोड़कर तालिबान आतंकी उसमें घुसे और अहम दस्तावेज अपने साथ ले गए। दूतावास परिसर में खड़े कई वाहन भी आतंकी ले गए हैं।