सहारनपुर। जीसटी विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा की टीम ने गागलहेडी स्थित एक आयरन इंगट बनाने वाली फर्म पर छापा मारा। करीब 12 घंटे चली जांच में पाया कि इंगट निर्माण की मात्रा लेखा पुस्तकों में सही प्रकार से दर्ज नहीं हो रही थी। स्टॉक में पाए गए अंतर के आधार पर कारोबारी ने मौके पर ही 56 लाख रुपये जमा कराए।
जीएसटी के अपर आयुक्त श्रेणी-1 सत्यपाल सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना और डाटा विश्लेषण के आधार पर शुक्रवार देर शाम को गागलहेडी स्थित एक आयरन इंगट बनाने वाली एक फर्म पर विशेष अनुसंधान शाखा की टीम ने छापा मारा। सूचना थी कि फर्म द्वारा बिना प्रपत्रों, ई-वे बिल के आयरन इंगट की सप्लाई की जा रही है। फर्म की फैक्टरी गागलहेडी में और मुख्य कार्यालय मुजफ्फरनगर में है।
फर्म की रेकी कराने के लिए सचल दल इकाइयों को गुप्त रूप से करीब 24 घंटे फैक्टरी के आसपास लगाया गया। इस दौरान टीम ने बिना प्रपत्रों, ई-वे बिल के माल का परिवहन करते ट्रक को पकड़ लिया। इसके बाद फर्म के फैक्टरी और मुख्य व्यापार स्थल दोनों की स्थलीय जांच कराई। इसमें विशेष अनुसंधान शाखा की सहारनपुर और मुजफ्फरनगर टीमों को लगाया गया।
करीब 12 घंटे तक चली जांच में पाया गया कि इंगट का निर्माण लेखा पुस्तकों में सही तरीके से नहीं दर्ज हो रहा है। कारोबारी ने स्टॉक में पाए गए अंतर के आधार पर मौके पर ही कर चोरी और जुर्माने के 56 लाख रुपये जमा करा दिए। पकड़े गए ट्रक एवं फर्म की जांच जारी रहेगी। इस दौरान विशेष अनुसंधान शाखा के अपर आयुक्त श्रेणी-2 एमएस चौबे, उप आयुक्त विशेष अनुसंधान शाखा पीपी सिंह एवं अवधेश चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
सहारनपुर। अपर आयुक्त श्रेणी-1 सत्यपाल सिंह ने बताया कि एक सूचना के आधार पर विशेष अनुसंधान शाखा के सीटीओ योगेंद्र कुमार आदि ने रेलवे स्टेशन पर छापा मारा। लेकिन वहां की गई जांच में कोई कर अपवंचित सामान नहीं मिला। इस पर टीम बिना किसी कार्रवाई के वापस लौट आई।