सहारनपुर। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जनपद में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के लिए अधिग्रहण जमीन के मुआवजे की धनराशि किसानों को देने के आदेश दिए हैं। काकरकुई और रामपुर मनिहारान के 30 किसानों को साढ़े पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
जनपद के काकरकुई और रामपुर मनिहारान के प्रभावित किसानों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के खिलाफ याचिका दायर कर पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन अधिनिर्णय के अंतर्गत बकाया 5.50 लाख रुपये की रकम का भुगतान की मांग की थी। भुगतान न होने पर अधिग्रहित भूमि को वापस करने के लिए याचिका दायर की थी।
किसानों की ओर से पैरवी कर रहे उच्च न्यायालय में अधिवक्ता, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रणधीर सिंह दुहन ने बताया की उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने किसानों की प्रार्थना को स्वीकार किया है। जिसमें आदेश दिया है कि किसान साढ़े पांच लाख रुपये पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन अधिनिर्णय के अंतर्गत पाने के पात्र हैं। उसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, अपर जिलाधिकारी (सक्षम प्राधिकारी ), परियोजना निदेशक, जिला कलेक्टर किसानों को नोटिस देकर पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन अधिनिर्णय बनाने में उनका प्रतिभाग सुनिश्चित करेंगे। छह माह की अवधि में यह साढ़े पांच लाख रुपये किसानों को देने है। रणधीर सिंह दुहन ने बताया कि इस आदेश से काकरकुई के आठ और रामपुर मनिहारान के 22 किसानों को 5.50 लाख रुपये प्रत्येक किसान के हिसाब से मिलेंगे।