मुज़फ्फरनगर। एक और जहां किसान अपने भुगतान को लेकर मिल में एकत्रित चीनी के स्टाक को अपना सहारा मान रहे थे,वही स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। चीनी मिल के गोदामों में रखकर स्टॉक की गई चीनी खराब होने लगी है। जिसके चलते अब किसानों ने गंगा किसान चीनी मिल मोरना के खिलाफ आंदोलन का मन बना लिया है।
दि गंगा किसान चीनी मिल मोरना पर किसानों का करोड़ों रुपए बकाया चल रहा है। जिसके चलते किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष विकास डायरेक्टर, योगेश शर्मा, हवा सिंह, सतबीर बाबा, प्रमोद चौधरी, उदयवीर, शोहनवीर, मोनू, विजय, कल्लू ठाकुर, संदीप, आदि दर्जनों पदाधिकारी व कार्यकर्ता मोरना मिल के जीएम कमल रस्तोगी से मिले। उन्होंने किसानों के गन्ना भुगतान के बारे में बात की, तो मिल जीएम ने कहा कि अभी मिल में चीनी काफी मात्रा में लगी हुई है तथा चीनी बिकने के बाद किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा। जिस पर किसान यूनियन कार्यकर्ता मिल के गोदामों में रखे गए चीनी के स्टॉक को चेक करने की मांग करने लगे।
पहले तो मिल प्रबंधन द्वारा काफी ना नुकर की गई, लेकिन जब भाकियू कार्यकर्ता स्टॉक चेक करने पर अड़े रहे तो प्रबंधन को गोदाम दिखाना पड़ा। जिसमें गोदाम नंबर सात में 376 कुंतल चीनी, जिसका निर्माण 2017-18 में किया गया था। वह बुरी तरह सड़ रही थी और उसमें कीड़े रेंग रहे थे। जिसके बाद कार्यकर्ता मिल प्रबंधन पर भड़क उठे और मौके पर ही जमकर खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद जब अन्य गोदाम का निरीक्षण किया गया तो 94 हजार कुंतल चीनी, जिसका निर्माण वर्ष 2019- 20 में किया गया था। वह खराब होने की स्थिति में पाई गई। जहां किसान भुगतान के लिए मारा मारा घूम रहा है, वही मोरना मिल के गोदामों में 184 करोड़ रुपये की चीनी मौजूद है। लेकिन उसमें कई करोड़ की चीनी या तो खराब हो चुकी है या खराब होने की कगार पर है ।
चीनी मिल के गोदामों में इतने बड़े स्टॉक को देखकर किसान असमंजस में हैं, वही चीनी की हालत देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है। भाकियू नेता विकास चौधरी ने बताया कि फिलहाल चीनी मिल मोरना पर करोड़ों रुपए का कर्ज है। परंतु मिल प्रबंधन स्टॉक में रखी करोड़ों रुपए की चीनी को खराब करने पर तुला है। जिससे क्षेत्र के किसानों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है।