नई दिल्ली। एनसीआर में स्थित शहरों में हवा वायु प्रदूषण फिर जोर पकड रहा है। आज सुबह आई रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरनगर पूरे देश का सबसे प्रदूषित शहर है। फसलों की कटाई शुरु होने के चलते माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति ओर बदतर हो सकती है।
दिल्ली एनसीआर के शहरों में एक बार फिर से आबोहवा बिगड़ने लगी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार शहर रविवार सुबह ही वायु प्रदूषण की खराब स्थिति में पहुंच गए। सुबह 9 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में मुजफ्फरनगर सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप पर है। फसल कटाई चालू हो चुकी है, ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति और खराब हो सकती है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स जारी करने एयर क्वालिटी इंडेक्स जारी करने वाले सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एप ’समर’ के अनुसार, सुबह सवा 9 बजे तक ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 265, नोएडा का 208, गाजियाबाद का 202, मेरठ का 239 और मुजफ्फरनगर का सबसे ज्यादा 318 है।
गाजियाबाद के लोनी इलाके में वायु गुणवत्ता सबसे खराब 35 दर्ज की गई है। दरअसल, लोनी और मुजफ्फरनगर में औद्योगिक क्षेत्र हैं। माना जा रहा है कि इस वजह से इन दोनों क्षेत्रों की एयर क्वालिटी सबसे खराब श्रेणी में पहुंच गई है। हापुड़ और बुलंदशहर की एयर क्वालिटी फिलहाल ठीक बनी हुई है। वहीं, देश की बात करें तो टॉप-3 प्रदूषण वाले शहरों में दूसरे नंबर पर हरियाणा का फरीदाबाद और तीसरे नंबर पर हरियाणा का ही बहादुरगढ़ है।
पराली, उद्योगों के अवशेष जलने व मौसम में बदलाव के कारण हरियाणा की हवा में प्रदूषण के कण बढ़ने लगे हैं। देश के सबसे तीन प्रदूषित शहरों में से दो हरियाणा के सोनीपत व बहादुरगढ़ और एक यूपी का मुजफ्फरनगर हैं। इन दोनों शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) शनिवार को औसतन 300 (बहुत खराब श्रेणी) पार कर गया।
इनके अलावा प्रदेश के 8 अन्य शहरों में भी एक्यूआई 200 पार कर गया। यानी इन सभी दस शहरों की हवा सांस लेने लायक नहीं है। इसी का नतीजा है कि हरियाणा के कुछ शहरों में सुबह स्मॉग भी दिखने लगी है। फतेहाबाद में शनिवार सुबह करीब दस बजे तक आसमान में धूलकण साफ नजर आए।
सीजन में यह पहली बार है जब एक साथ दो शहरों का एक्यूआई 300 पार कर गया हो। एक दिन पहले यह आंकड़ा 300 से नीचे था। सोनीपत में तो सुबह 10 बजे एक्यूआई (पीएम-10) 424 व बहादुरगढ़ में रात 2 बजे 491 पहुंच गया था। हालांकि पूरे दिन का औसत 321 व 305 दर्ज किया गया। करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है।
दिन में एक-दो बार इन शहरों का प्रदूषण का स्तर 300 को छूने के करीब पहुंच गया था। वहीं, पिछले एक सप्ताह में भिवानी, हिसार और फतेहाबाद में प्रदूषण तीन गुना तक बढ़ गया है। इससे आंखों में जलन की शिकायत भी देखने का मिल रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हवा की गति धीमी पड़ गई है। इससे प्रदूषण के कण ठहर से गए हैं। पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने से सड़कों व उसके आसपास काफी धूल जमा है, जो यातायात की वजह से सतह से ऊपर उठकर हवा में शामिल हो रहे हैं।