मुजफ्फरनगर। जनपद के चरथावल थाना क्षेत्र के गांव रोनी हरजीपुर में अचानक पहुंची झारखंड पुलिस ने लोगों के दिलों की धडकनें बढा दी। पुलिस अपने साथ गांव से दो किशोर ओर एक युवक को ले गई है। क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढें पूरी खबर।

प्राप्त जानकारी के मुताबिककोरोना काल से तीन किशोर चरथावल थाना क्षेत्र के गांव रोनी हरजीपुर निवासी एक किसान को घूमते हुए मिले थे। काम की तलाश में घूम रहे तीनों को किसान गांव में ले आया। तीनों उनके पास रहकर खेतीबाड़ी आदि का कार्य करने लगे। तीन साल में एक किशोर व्यस्क हो गया।

सालों से तीनों का मालूम नहीं चलने पर परिजनों में पुलिस को सूचित किया। उसके बाद उनकी तलाश शुरू हुई। झारखंड के जिला साहिब गंज थाना क्षेत्र बोरिया में क्षेत्र के श्रमिकों को काम पर भेजने वाले ठेकेदार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। जांच तीनों किशोर भी उसी के अधीन काम पर भेजने की बात सामने आई।

झारखंड की अदालत के आदेशों के बाद तीनों की तलाश शुरू हुई। उनका संपर्क मेरठ की कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के अंतर्गत कार्य करने वाली ग्रामीण समाज विकास केंद्र से हुआ। केंद्र से जुड़े धर्मेंद्र कुमार ने बताया उनका फाउंडेशन इस तरह के मामलों में रेस्क्यू का कार्य करता है।

बुधवार दोपहर बाद झारखंड पुलिस के साथ वह रोनी हरजीपुर पहुंचे। उनके साथ मुजफ्फरनगर एवं झारखंड की सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के अलावा महिला आरक्षी सहित पुलिस बल मौजूद रहा। ग्राम प्रधान विनोद पुंडीर ने बताया करीब तीन घंटे की छानबीन के बाद देर शाम झारखंड पुलिस तीनों को साथ लेकर गई है।

उनका मेडिकल कराने के बाद काउंसलिंग कराई जाएगी। किशोर अपनी मर्जी से किसान के यहां रहे थे। उन्होंने गांव में किसान के खिलाफ कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाया है।