सहारनपुर। दुनिया भर में इस्लामी तालीम के लिए विख्यात दारुल उलूम ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। दारुल उलूम के उलमा किसी भी राजनीतिक दल के नेता का इस्तकबाल (स्वागत) नहीं करेंगे और न ही किसी नेता से मुलाकात की जाएगी।

लोकसभा चुनाव की अभी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन सियासत गरमा गई है। सभी दल अलग-अलग वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं।

इस्लामी तालीम के लिए मशहूर देवबंद के दारुल उलूम से भी करोड़ों की संख्या में मुसलमान जुड़े हुए हैं, जो दारुल उलूम की तरफ से जारी किए गए हर फैसले का दिल से सम्मान करते हैं। इसलिए अक्सर चुनाव के समय में नेता दारुल उलूम के चक्कर लगाने शुरू कर देते हैं।

दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने अमर उजाला से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं किया जाएगा। कुछ वर्ष पहले एक पार्टी के मुखिया यहां पर आए थे। उनके साथ आए स्थानीय नेता ने पूर्व मोहतमिम का हाथ पार्टी मुखिया के सिर पर रखवा दिया था, जिसका बाहर जाकर गलत प्रचार किया गया। इस वजह से यह फैसला लिया है।