मुजफ्फरनगर। करीब नौ साल पहले अदालत में कुख्यात विक्की त्यागी की हत्या के आरोपी सागर मलिक को किशोर न्याय बोर्ड से राहत नहीं मिली है। बोर्ड ने दोबारा सुनवाई करते हुए सागर को बालिग करार दिया। पत्रावलियां सेशन कोर्ट भेज दी गई है। अब सुनवाई के लिए 21 मई की तिथि तय की गई। पूर्व ब्लॉक प्रमुख विक्की त्यागी की 16 फरवरी 2015 को कोर्ट संख्या-दस में पुलिस सुरक्षा के बीच सिख अधिवक्ता की वेशभूषा में आए युवक ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

हत्या का मुकदमा शामली के बहावड़ी गांव निवासी सागर मलिक के खिलाफ दर्ज कराया था। बचाव पक्ष कहना था कि आरोपी सागर मलिक किशोर है। उम्र के निर्धारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई हुई। नवंबर 2022 में सागर को बालिग करार दिया गया था। बचाव पक्ष ने फैसले के विरुद्ध सेशन कोर्ट में अपील की। सेशन कोर्ट ने दोबारा सुनवाई के लिए पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड को भेज दी थी। वादी पक्ष के अधिवक्ता दुष्यंत त्यागी ने बताया कि बोर्ड ने सुनवाई करते हुए आरोपी सागर मलिक को बालिग करार दिया गया है। प्रकरण की पत्रावली अब सेशन कोर्ट भेज दी गई है।

आरोपी की माता बबली ने बाल विद्या मंदिर जूनियर हाईस्कूल संगम विहार लोनी गाजियाबाद की कक्षा सात की टीसी न्यायालय किशोर न्याय बोर्ड में दाखिल करते हुए आरोपी के किशोर होने का दावा किया था। किशोर न्याय बोर्ड ने आयु निर्धारण के लिए 17 मार्च 2018 को मेडिकल जांच का आदेश पारित किया। इसके बाद सीएमओ इलाहाबाद ने मेडिकल जांच कराई, जिसमें सागर को बालिग माना गया था। दोबारा प्रक्रिया में भी सागर बालिग मिला है। आरोपी नैनी जेल में बंद है।

करीब नौ साल पहले 16 फरवरी 2015 को जिला कारागार से पुलिस सुरक्षा में विचाराधीन बंदी विक्रांत त्यागी उर्फ विक्की को अदालत में लाया गया था। अधिवक्ता की वेशभूषा में पगड़ी बांधे हमलावर ने कठघरे में ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर विक्की त्यागी की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मौके से पिस्टल के साथ आरोपी सागर मलिक को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की पहली रिपोर्ट गारद में शामिल सिपाही संत कुमार ने थाना नई मंडी में दर्ज कराई थी। दूसरी एफआईआर मृतक की माता सुप्रभा त्यागी ने थाना सिविल लाइन में दर्ज कराई थी