बागपत। भाकियू का नया संगठन बनाए जाने को लेकर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि नया संगठन बनने पर भाकियू पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पहले भी संगठन से लोग जाते रहे हैं।

बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप चौधरियों ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए 17 अक्तूबर 1986 को संगठन की नींव रखी थी, लेकिन पिछले 32 सालों में समय समय पर संगठन में बिखराव और फूट देखने को मिली। हाल ही में नाराज चल रहे पदाधिकारियों और समर्थकों ने नए संगठन भाकियू अराजनैतिक की घोषणा कर दी । इससे किसान संगठनों और किसान नेताओं में खलबली मची हुई है।

राकेश टिकैत ने कहा- सरकार का मेनिफेस्टो झूठा था दरअसल, आज वे बागपत के बड़ौत में शिव होंडा शोरूम पर पहुंचे थे। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि वह किसानों के बिजली के बिल आधे करेगी, लेकिन अब ट्यूबवेल पर मीटर लगाने की योजना बनाई जा रही है। हमारा संगठन उसका विरोध करता है। गन्ना भुगतान भी अटका पड़ा है। सरकार का मेनिफेस्टो झूठा था।

उन्होंने कहा कि संगठन में दो फाड़ होने से कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इससे पहले भी लोग संगठन को छोड़कर जाते रहे हैं, तो तब भी कोई असर नहीं पड़ा। किसानों के लिए पहले भी काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। ज्ञानव्यापी मस्जिद विवाद पर बोलते हैं उन्होंने कहा कि अभी सर्वे हो रहा है। अभी वे कुछ नहीं कह सकते लेकिन,सरकार मंदिर-मस्जिद विवाद को छोड़कर जनसंख्या नियंत्रण कानून पर ध्यान दें। क्या इसे भी चुनाव के समय ही याद किया जाएगा?