सहारनपुर। शुगर मिलें बकाया गन्ना मूल्य भुगतान में कोताही बरत रही हैं। मंडल की 17 में से 11 मिलें पेराई सत्र समाप्त कर चुकी हैं। शेष छह चीनी मिलों के भी एक सप्ताह में पेराई सत्र पूरा करने की उम्मीद है। इसके बावजूद मंडल की चीनी मिलें किसानों का 2 हजार 038 करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं।
मौजूदा सत्र में मंडल में 17 चीनी मिलें संचालित की गईं। इनमें से 11 आवंटित गन्ने की पेराई करके बंद हो गईं। वहीं, सहारनपुर जिले की देवबंद एवं सरसावा तथा मुजफ्फनगर जनपद की खतौली, मंसूरपुर, मोरना एवं तितावी शुगर मिलें अभी चालू हैं। इनका पेराई सत्र भी करीब एक सप्ताह में संपन्न होने की संभावना है। इसके बावजूद मंडल की चीनी मिलों पर किसानों के 2 हजार 038 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य के बकाया हैं।
गन्ना क्रय अधिनियम के तहत मिल में गन्ना सप्लाई करने के 14 दिन में किसान को गन्ना मूल्य भुगतान करने का प्रावधान है। अधिनियम के अनुसार इस समयावधि में भुगतान नहीं करने पर मिल को बकाया पर 15 फीसदी की दर से ब्याज देने का प्रावधान है। इसके बावजूद किसानों को न तो तय समय में मिलें गन्ना मूल्य भुगतान कर पा रही हैं और न ही बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज। समय पर गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होने पर किसानों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
भुगतान में पिछड़ने वाली मिलों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इसके लिए उन्हें न सिर्फ नोटिस दिया जा रहा है बल्कि उनसे भुगतान करने की कार्ययोजना भी मांगी जा रही है। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करना गन्ना विभाग की प्राथमिकता है। बकाया भुगतान न करने वाली शुगर मिलों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।-डॉ. दिनेश्वर मिश्र, उप गन्ना आयुक्त
मंडल में बकाया गन्ना मूल्य
जनपद बकाया
सहारनपुर 656 करोड़ रुपये
मुजफ्फरनगर 537 करोड़ रुपये
शामली 845 करोड़ रुपये
नोट: उप गन्ना आयुक्त के 19 मई के आंकड़ों के अनुसार।