मुजफ्फरनगर। दिल्ली के बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर देश भर में भाकियू नेता राकेश टिकैत पंचायत कर रहे हैं। ऐसे में 26 मार्च के चक्का जाम आंदोलन को सफल बनाने के लिए भाकियू के मण्डल महासचिव राजू अहलावत और प्रदेश महासचिव जहीर फारूकी ने राकेश टिकैत के साथ मिलकर रणनीति पर चर्चा की। राजू अहलावत ने कहा कि गन्ना मूल्य का भुगतान लेकर ही किसान हाईवे छोड़ेंगे। जब तक भुगतान नहीं होगा किसानों का हाईवे पर धरना जारी रहेगा।

बता दें कि चार माह से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के नेताओं की भागीदारी प्रमुक्ष रूप से रही है। दिल्ली में लाल किला प्रकरण के बाद तो मानो पूरा आंदोलन ही भाकियू के हाथों में आ गया। इसमें चै. राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के साथ मिलकर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इनमें भाकियू के प्रदेश महासचिव जहरी फारूकी और मण्डल महासचिव राजू अहलावत की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। अब ये पदाधिकारी 26 मार्च को किसान आंदोलन में चक्का जाम को सफल बनाने की रणनीति में जुटे हुए हैं।

राजू अहलावत और जहीर फारूकी ने चक्का जाम को सफल बनाने के लिए यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत के साथ मिलकर रणनीति बनाई और मुजफ्फरनगर में आंदोलन को सफल बनाने में जुट गये हैं। राजू अहलावत ने बताया कि 26 मार्च को मुजफ्फरनगर में छह प्रमुख स्थानों पर यूनियन के कार्यकर्ता चक्का जाम करेंगे। उनके द्वारा नावला कोठी पर दिल्ली देहरादून हाईवे पर होने वाले चक्का जाम का नेतृत्व किया जायेगा।

यहां पर किसानों को टैªक्टर लेकर पहुंचने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकारों की नीतियों ने किसानों को बर्बाद करने का काम किया है। किसानों को लेकर सरकार बड़े काम करने का दावा कर रही है, जबकि धरातल पर हकीकत कुछ ओर है। चार महीनों से ज्यादा समय से किसान अपने खेत खलिहान और घर व परिवार को छोड़कर दिल्ली के बार्डर पर पड़े हुए हैं। किसान वहां पर मर रहे हैं, लेकिन किसानों की हमदर्द होने का दावा करने वाली केन्द्र और राज्य सरकार के मुखियाओं ने किसानों की पीड़ा के लिए एक शब्द भी नहीं कहा है।

उन्होंने कहा कि किसान अपना हक मांग रहे हैं। अपनी जमीन पर अपनी मर्जी की फसल का हक, अपनी फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने का हक और एमएसपी का कानून बनाने का हक मांग रहे हैं। सरकार को यह मांग माननी ही पड़ेगी। किसानों को आंदोलन से पीछे नहीं हटना है, किसान इस लड़ाई को लम्बा लड़ने का मन बना चुका है। उन्होंने कहा कि यूपी में गन्ना किसानों को बकाया नहीं दिया जा रहा है। मुजफ्फरनगर में ही किसानों का शुगर मिलों पर 1 हजार करोड़ से ज्यादा का गन्ना मूल्य बकाया है। 26 मार्च को किसान गन्ना मूल्य दिलाये जाने की मांग को लेकर भी हाईवे जाम करेंगे। जब तक किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं मिलेगा, तब तक हाईवे को खाली नहीं किया जायेगा।