जयपुर. जयपुर पुलिस ने दो शातिर चेन तोड़ने वालों को पकड़ा है। जो चेन तोड़ने के लिए प्लेन से सफर किया करते थे। लोगों को डराने के लिए कट्टा साथ रखते। जयपुर में एक फ्लैट तक खरीद दिया। साथ ही अच्छे होटलों में रुकते। कॉल गर्ल्स बुलाकर उन पर पैसे खर्च करते। महिलाओं को टारगेट कर घर में घुसकर वारदात को अंजाम देते। फिर जान से मारने की धमकी देकर भाग जाते। UP के शामली के रहने वाले दोनों बदमाश देश के कई राज्यों में सैकड़ों वारदात कर चुके है। एक बदमाश रामचन्द्र उर्फ टोपी वाला जयपुर जेल में बंद है। पुलिस दूसरे बदमाश तुलसीदार को गुरुवार को जयपुर लेकर पहुंची।। जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने कुख्यात चेन स्नेचर को बापर्दा गिरफ्तार किया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।

जयपुर में 2 साल के अंदर ये बदमाश करीब 150 चेन तोड़ चुका है। इसकी कीमत 1.50 करोड़ बताई जा रही है। फिर गोल्ड लोन कंपनियों में लूटा गोल्ड गिरवी रखकर रुपए उठाए। कुछ चेन ज्वेलर्स को बेच दी। ज्वेलर्स को बचे गए गोल्ड और लोन उठाकर मिले करोड़ों रुपए से अवैध हथियार खरीदे। मौज और शौक में रुपए उड़ाए। जयपुर में एक फ्लैट भी खरीदा।

एसएचओ (जवाहर सर्किल) राधारमण गुप्ता ने बताया कि कुख्यात चेन स्नेचर तुलसी उर्फ सोनू उर्फ तुलसीदार (38) पुत्र धनसिंह बावरिया निवासी शामली उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है। जयपुर जिले में चेन स्नेचिंग की वारदातों में पिछले तीन साल से फरार चल रहा था। वह अपने दोस्त रामचन्द्र उर्फ टोपी वाला उर्फ अर्जुन बावरिया (33) निवासी शामली उत्तर प्रदेश के साथ चेन स्नेचिंग की वारदात करता था। दोनों बदमाश महिलाओं को टारगेट करते। पीछा करते हुए उसके घर के अंदर तक घुसकर चेन लूट की वारदात को अंजाम देते। वारदात के समय देसी कट्टा रखने के पीछे विरोध पर जान से मारने की नियत रखते थे।

अन्तर्राजीय कुख्यात चेन स्नेचर रामचन्द्र और तुलसी बावरिया ने देश के कई राज्यों में चेन स्नेचिंग की वारदात की। राजस्थान के साथ ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकता, लुधियाना, अहमदाबाद, हरियाणा, करनाल, हैदराबाद और बेंगलुरु में सैकड़ों वारदात कर चुके हैं। कम समय में ज्यादा वारदात करने के लिए प्लेन से सफर किया करते है। जिसे शहर में जाते वहां एक दिन में 7-8 चेन स्नेचिंग करते। उसके बाद वापस अपने गांव उत्तर प्रदेश लौट आते। 4-5 दिन घर पर रूकने के बाद दोबारा वारदात को अंजाम देते निकले जाते।

10 जून 2019 को जयपुर पुलिस ने कुख्यात चेन स्नेचर रामचन्द्र उर्फ टोपी वाला उर्फ अर्जुन बावरिया को गिरफ्तार किया था। जयपुर शहर में उसने जितनी भी चेन तोड़ी सभी वारदात टोपी पहनकर की। चेन स्नेचिंग के दौरान कभी रामचन्द्र बाइक चलाता तो कभी तुलसी। दोनों बदमाश घर के अंदर तक घुसकर चेन लूटते थे। ऑल इंडिया पुलिस ग्रुप की मदद से पुलिस टीम कुख्यात चेन स्नेचरों की पहचान कर पाई थी। जब तक 2 सालों में दोनों बदमाश जयपुर शहर में 150 से अधिक चेन स्नेचिंग वारदात कर चुके थे। पिछले तीन साल से उसका साथी तुलसी फरार चल रहा था। करीब ढाई महीने पहले नोएडा की बीटा-2 थाना पुलिस ने उसको पकड़ा।

तुलसी ने पूछताछ में बताया कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने घर से उठाया था। उसे बीटा-2 थाने लाकर पूछताछ की। अगले दिन उसे थाने से करीब 4 KM दूर जंगल में 10-12 पुलिसकर्मी लेकर गए। जहां उसको खुला छोड़ दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस उसका एनकाउंटर करने ले गई थी। दो गोली उसके पैर में मारी गई। दर्द से कहराते समय पूछ गया पत्नी-बच्चे है। हां करने पर उनका मन बदल गया और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पैर का ऑपरेशन के बाद उसे नोएडा जेल में बंद कर दिया।

जवाहर सर्किल थाने में पूछताछ में कुख्यात चेन स्नेचर तुलसी से पूछा गया कि उस पर कितने केस दर्ज है। जबाव में तुलसी ने बोला- मुझे खुद को नहीं पता कितने केस दर्ज है। शामली गांव में करीब 250 परिवार है। जिनका काम क्राइम से ही चलता था। रामचन्द्र उसके बचपन का दोस्त है। साल 2005 में रामचन्द्र शराब भट्टी चलाता था। साल 2009 में भरतपुर में रामचन्द्र ने दो चेन स्नेचिंग की वारदात की थी। चेन स्नेचिंग में पकड़ में भी आ गया था। जिसके बाद से उसने चेन स्नेचिंग को चुन लिया। गांव में शादी समारोह के दौरान रामचन्द्र ने उसे चेन तोड़ने की प्लानिंग के बारे में बताकर साथ ले लिया।

दोनों कुख्यात चेन स्नेचरों ने देश के कई राज्यों में चेन स्नेचिंग कर करोड़ों का गोल्ड लूटा। लूटे गए कुछ गोल्ड को ज्वैलर्स को बेचा गया। कुछ सोने को गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रखकर 70 प्रतिशत तक लोन उठा लिया। जयपुर पुलिस ने कुख्यात चेन स्नेचर रामचन्द्र से 50 प्रतिशत की बरामदगी की थी। गोल्ड लोन कंपनी से बरामद की गई चेन की कीमत 70 लाख रुपए आंकी गई थी। जिससे आका जा सकता है कि दो सालों में दोनों बदमाशों ने जयपुर शहर में 1.50 करोड़ का सोना लूटा था।

करोड़ों का सोना लूटकर मिले रुपयों को मौज-मस्ती और अवैध हथियार खरीदने में यूज किया गया। मौज-मस्ती में होटल में रुककर लग्जरी लाइफ जीते थे। शराब पीकर कॉल गर्ल्स बुलाते थे। तुलसी ने अपने हिस्से के रुपयों से जयपुर में सास-ससुर के लिए प्रताप नगर में फ्लैट खरीदना सामने आया है। लूटे गए गोल्ड की रकम से अवैध हथियार खरीदे गए। बताया जा रहा है कि अवैध हथियार खरीदने के पीछे ट्रेन में डकैती डालना था। रामचन्द्र की एक गैंग अवैध हथियारों से चलती ट्रेन में डकैती डालती थी। हालांकि, ट्रेन डकैती में रामचन्द्र की मौजूदगी नहीं मिली है।