सहारनपुर. राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने रविवार सुबह देवबंद में छापा मारकर एक मदरसा स्टूडेंट को हिरासत में लिया है। 8 घंटे पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया। उसका मोबाइल और अन्य सामने अपने साथ ले गई।छात्र कर्नाटक का रहने वाला है। सूत्रों के अनुसार, वह टेलीग्राम ऐप के जरिए ISIS मॉड्यूल के संपर्क में था। कई भाषाओं का जानकार होने के नाते वह ट्रांसलेटर का काम कर रहा था।
NIA उसे अपने साथ किसी गोपनीय जगह पर ले गई थी। NIA ने यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र में कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
15 अगस्त से पहले हुई इस कार्रवाई से देवबंद एक फिर चर्चा में आ गया है। एक महीने के भीतर देवबंद में NIA की ये दूसरी बड़ी कार्रवाई है। 23 जून को मदरसा जकरिया से रोहिंग्या छात्र मुजीबुल्लाह को पकड़ा था।
NIA टीम सुबह करीब 4 बजे देवबंद पहुंची थी। जिसे हिरासत में लिया था उस छात्र का नाम फारुख है। वह देवबंद में रहकर पढ़ाई कर रहा था। सुबह करीब 4 बजे NIA टीम देवबंद पहुंची थी। एसएसपी विपिन ताडा ने NIA की कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, एक संदिग्ध को जांच एजेंसी टीम ने उठाया था। क्यों उठाकर ले गई थी ? इसकी जानकारी नहीं है।
12 मार्च को देवबंद के दारुल उलूम चौक के नजमी मंजिल हॉस्टल से यूपी एटीएस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए इनामुलहक के तार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से मिले थे। एटीएस के मुताबिक, पूछताछ में पकड़े गए आरोपी से पता चला था कि वह हथियार चलाने की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान जाना चाहता था।
इसके अलावा इनामुलहक सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान सहित पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान देशों के लोगों से भी जिहाद के बारे में चर्चा करता था। इनामुलहक फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल से जिहाद संबंधित वीडियो प्रसारित करता था।
22 फरवरी 2019 को देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक पकड़े गए। दोनों को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले की पहले से खबर थी। एनआईए या एटीएस के हाथों पूर्व में पकड़े गए आतंकी मोहम्मद सुहेल, अब्दुल्ला अल मामून, रजाउल रहमान, इमरान, रजीमुद्दीन, मोहम्मद फिरदौस भी देवबंद में पनाह ले चुके हैं।
ज्यादातर आतंकी दीनी तालीम के बहाने देवबंद में रहे और दहशतगर्द तैयार करते रहे। 14 मई 2019 को कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले शामली के दो भाई भी देवबंद में काफी दिनों तक रुके थे। नवंबर-2020 में दिल्ली में जैश के दो आतंकी पकड़े गए। इनके मोबाइल में एक वॉट्सऐप ग्रुप मिला, जिसमें देवबंद का शख्स जुड़ा हुआ था।