मुजफ्फरनगर। पुरबालियान गांव के आंगन की बिटिया किरण बालियान ने हांगझोऊ में खेले जा रहे एशियाई खेलों में देश को कांस्य पदक दिलाकर नाम ऊंचा कर दिया। पदक कांस्य मिला, लेकिन गांव में खुशियां सोने जैसी छा गई। किसान की बिटिया ने जो कहा था, वही कर दिखाया। पिता सतीश गदगद हैं और मां बॉबी की खुशी का ठिकाना नहीं है।

मंसूरपुर से शाहपुर जाने वालेे मार्ग पर बसे साझा संस्कृति के गांव पुरबालियान में स्वर्गीय किसान भगवान दास के घर शुक्रवार रात पोती के पदक जीतने की खुशी छा गई। ताऊ श्रीपाल और कृष्णपाल खुश हैं। पिता सतीश ने बताया कि यूपी पुलिस में नौकरी लग जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई के लिए मेरठ में बस गए।

उसकी मां बॉबी अभ्यास के लिए लेकर जाने लगी और अब नतीजा देश के सामने है। गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस में हेड कांस्टेबल सतीश कहते हैं कि हमारे लिए भावुक और जश्न के पल हैं। पूर्व प्रधान संतोष पाल कहते हैं कि गांव की बेटी ने दुनिया में हमारा नाम ऊंचा कर दिया है। आज खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।

इसी माह किरण ने चंडीगढ़ में आयोजित खेलों में 17.92 मीटर थ्रो कर स्वर्ण पदक जीता था। एशियाई खेलों में भी प्रदर्शन को बरकरार रखा। पिता सतीश बताते हैं कि जूनियर एशियाई खेलों में पांच साल पहले स्वर्ण पदक जीता था।

पुरबालियान गांव की किरण बालियान ने कांस्य जीतकर देश का मान बढ़ाया। इसी गांव की बेटी दिव्या काकरान कुश्ती में अर्जुन अवार्ड जीत चुकी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों बेटियां धमाल मचा रही है।