सहारनपुर। मां शाकंभरी देवी सिद्धपीठ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य इसी माह शुरू होने की संभावना है। 11 परियोजनाओं में से कई की टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। एक ओर जहां पर्यटकों के लिए सुविधा केंद्र और राही आवास बनाए जाएंगे। वहीं भव्य द्वार का निर्माण भी होगा। जहां से मंदिर तक भक्तों के लिए अलग से पाथ-वे यानी फुटपाथ तैयार किया जाएगा।

दरअसल, मां शाकंभरी देवी सिद्धपीठ मौजूदा सरकार की प्राथमिकता में रहा है। प्रदेश सरकार पहले ही इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन अब वह घोषणा कागजों के बाद धरातल पर उतरने जा रही है। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस राशि से सबसे बड़ा कार्य टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर यानी पर्यटक सुविधा केंद्र का होगा।

इसमें पर्यटकों के ठहरने के लिए कमरे और तमाम सुविधाएं होंगी, जहां जिला पंचायत द्वारा बड़ा द्वार बनाया गया है, उसकी जगह नया भव्य द्वार बनेगा। श्रद्धालुओं के लिए अलग पाथ-वे बनेगा, जिस पर अन्य प्रकार का कोई वाहन आदि नहीं चल सकेगा। राही आवास भी बनाया जाएगा, जो होटल जैसा होगा। इसके लिए जमीन खरीदी जाएगी। कार्य करने की जिम्मेदारी शासन द्वारा सीएंडडीएस को दी गई है। अधिकतर निर्माण कार्य जिला पंचायत के गेट से लेकर भूरादेव तक होंगे।

फिलहाल पार्किंग की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। अब यहां बड़ी पार्किंग तैयार की जाएगी, जो पांच एकड़ जमीन में होगी। श्रद्धालुओं के तमाम वाहन जैसे बसें, कारें व अन्य चौपहिया वाहन, दुपहिया वाहन आदि पार्किंग में खड़े हुआ करेंगे। पार्किंग ऐसी जगह बनेगी, जो बरसाती नदी के दायरे से बाहर हो। अभी तक लोग सूखी नदी में वाहन लगा देते थे और पहाड़ों पर अचानक बारिश की वजह से बाढ़ आ जाती थी, जिससे वाहनों के बहने का खतरा रहता है।

भूरा देव से मां शाकंभरी देवी के मंदिर तक बरसाती नदी के ऊपर एक पुल बनाया जाना है। पुल का निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा किया जाएगा। 181-181 मीटर लंबे दो पुल बनाए जाएंगे, जिनके साथ ही पहुंच मार्ग भी बनेगा। पुल बनने के बाद श्रद्धालुओं को बरसाती नदी के बीच से नहीं गुजरना होगा। 11 परियोजनाओं पर काम होना है। कई के टेंडर हो चुके हैं, जबकि बाकी की प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही काम शुरू करा दिया जाएगा।