मेरठ। मेरठ में रैपिड रेल कारिडोर के लिए जरूरी 5.89 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। आठ स्थानों पर भूमि अर्जन होनी है और जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एनसीआरटीसी द्वारा अधिग्रहण का नया प्रस्ताव तैयार किया है और हाल ही में लागू किए नए सर्किल रेट के अनुसार ही भूमि स्वामियों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल कारिडोर के लिए शहरी क्षेत्र में जरूरी भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया को पिछले दिनों पूर्ण कर लिया गया। अब शहर के बाहरी छोर पर मौजूद ग्राम पंचायतों की जमीन के अधिग्रहण का रास्ता भी साफ हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम द्वारा मेरठ में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए जरूरी जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दिया है। नए प्रस्ताव में ग्राम पंचायतों की जमीन का अधिग्रहण नए सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा प्रदान कर किया जाएगा।
विभिन्न कारणों के चलते रैपिड के लिए जरूरी भूमि के टुकड़ों का अधिग्रहण नहीं हो सका था। अब भूमि अर्जन के लिए जरूरी प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया है। ऐसे में नए सर्किल रेट के अनुसार ही भूमि स्वामी किसानों को मुआवजा दर निर्धारित की जाएगी। किसानों को पुराने सर्किल रेट की अपेक्षा अब 15 से 20 प्रतिशत अधिक मुआवजा मिलेगा।
अमीनगर उर्फ भूड़बराल, बराल परतापुर, मोहकमपुर, दुल्हैड़ा चौहान, रोशनपुर डोरली, मुर्करबपुर पल्हैडा, मेरठ खास, हाफिजाबाद मेवला।
जनपद में कई बड़ी यातायात परियोजनाएं वर्तमान में निर्माणाधीन है। जिनके लिए बड़े स्तर पर जमीन का अधिग्रहण किया गया और किया जा रहा है। ऐसे में नए सर्किल रेट लागू होने के बाद भूमि स्वामी मुआवजा वृद्धि के संबंध में जानकारी करने के लिए एडीएम एलए के कार्यालय में पहुंच रहे हैं।
रैपिड रेल कारिडोर के लिए जरूरी करीब पांच हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। शीघ्र ही अर्जन के संबंध में सूचना जारी की जाएगी और अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।