जनपद मुजफ्फरनगर में वायु प्रदूषण के बढते स्तर को काबू में करने के प्रयास अब तेज हो गए हैं। गुरुवार सुबह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्वावधान में शहर की सड़कों पर उतरी एंटी स्मोग गन के सहयोग से जहरीली होती आबोहवा पर काबू पाने का प्रयास किया गया। सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया गया तथा औद्योगिक इकाइयों की ओर से भी वायु प्रदूषण में कमी लाने के प्रयास शुरू किये गए। ठंड का मौसम शुरू होने के साथ ही सर्दी भी अब अपना असर दिखाने लगी है। सुबह सूरज निकलने से पहले सड़कों पर स्माग छाया रहता है। जिसके चलते दृश्यता तो कम होती ही है, वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ जाता है। दीपावली के दिनों में शहर में एक्यूआई स्तर 400 के आसपास पहुंच गया था। पटाखों से निकला धुआं तथा स्माग आबोहवा को जहरीला कर रहे थे। उद्योग धंधे संचालन में लापरवाही तथा जगह-जगह चल रहे निर्माण कार्य के कारण धूल के कण वातावरण में मिलकर वायु प्रदूषण के स्तर को ऊंचा उठा रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या जनपद में संचालित लगभग तीन हजार गुड़ कोल्हुओं पर ईंधन के रूप में खोई आदि प्रयोग न कर पालीथिन आदि जलाए जाने से पैदा हो रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों ने ऐसा करने वाले कोल्हु संचालकों पर जुर्माने की कार्रवाई भी की थी। वायु प्रदूषण पर कई औद्योगिक इकाइयां सील भी की जा चुकी हैं। बावजूद इस मामले पर अधिक अंकुश लग नहीं पा रहा है। जनपद में भी बढ़ रहे वायु प्रदूषण के स्तर को अब कम करने के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास प्रारम्भ कर दिये गये हैं। इसी को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम आज एंटी स्माग गन और पानी के टैंकरों को लेकर सड़कों पर उतरी नजर आई।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह का कहना है कि शहर में अंतरिम एक्यूआई का स्तर आज 265 रहा है। उन्होंने बताया कि यह खराब की श्रेणी में आता है। जबकि इससे पहले एक्यूआई का स्तर 380 तक पहुंच जाने के कारण यूपी में यह जनपद पहले नम्बर पर आ गया था। एनसीआर के जिलों में तुलनात्मक रूप से एक्यूआई स्तर जनपद में आज सबसे कम रहा। उन्होंने बताया कि जनपद में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। इसके साथ ही वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सड़कों पर एंटी स्माग गन से भी कार्य हो रहा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुूए कहा कि वह सभी घर और अपने प्रतिष्ठानों के बाहर पानी का छिड़काव समय समय पर करते रहें। वायु प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव आवश्यक है। पानी के छिड़काव से डस्ट पार्टिकल्स जमीन पर बैठ जाते हैं और सांस के माध्यम से शरीर में नहीं जाते। उन्होंने कहा कि जनपद में एक्यूआई का स्तर और भी कम हो सकता है। बता दें कि जनपद में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण सरकार की ओर से स्कूलों में अवकाश के ऑर्डर कर दिये गये, लेकिन देर रात इन आदेशों को वापस ले लिया गया। इन आदेशों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही।