नई दिल्ली। जब भी हम अपने लिए कार खरीदे जाते हैं तो उसके माइलेज को जानने में अधिक जोर देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है ये निकाला कैसे जाता है या फीर इसका मतलब क्या होता है। यानी हम भी कार लेने जाते हैं तो यही पुछते हैं कि ये एक लीटर पेट्रोल या डीजल में कितनी दूरी तय करेगी। अगर कंपनी कहती है कि माइलेज 25 किमी/लीटर है तो इसका मतलब ये हुआ कि कार एक लीटर पेट्रोल में 25 किमी की दूरी तय करेगी। लेकिन अब किमी/किलोवाट का समय आ चूका है अब आपको इसके बारें में जानना सबसे जरुरी है।

भारतीय बाजार में पेट्रोल डिजाल की बढ़ती कीमतों के कारण इलेक्ट्रिक गाड़ीयों की ड़िमांड बढ़ते जा रही है। तो जो लोग इलेक्ट्रिक कार या स्कूटर खरीदने जा रहे हैं वो लोग इसका पता किमी/किलोवाट के जरिए पता लगा पाएगें। चलिए आपको बताते हैं किमी/किलोवाट की जानकारी लेकर आप इलेक्ट्रिक गाड़ी की माइलेज कैसे पता कर सकते हैं।

किलोवाट बिजली की एक यूनिट है। उदाहरण के लिए 1 kWh तब होता है जब एक घंटे के लिए 1,000 वाट बिजली का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं अगर आपके पास इलेक्ट्रिक कार है तो आपका जानना काफी जरुरी है कि इलेक्ट्रिक गाड़ी में kWh क्या होता है। एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी स्टोरेज को kWh में मापा जाता है । जैसे उदाहरण के तौर पर समझे तो Tata Nexon EV में 30.2 kWh का बैटरी पैक और Tata के Tigor EV में 26 kWh का बैटरी पैक है। कार जितनी मंहगी होगी उसकी बैटरी उतनी ही बड़ी होगी, जैसे टेस्ला मॉडल एस (भारत में उपलब्ध नहीं) लेकिन उसमे 100 kWh की बैटरी है।

कई इलेक्ट्रिक कार की ड्राइविंग रेंज कई कारों पर निर्भर करती है, जैसे इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा जो बिजरी जनरेट होती है (आमतौर पर अधिक पावर का मतलब प्रति किलोवाट कम रेंज) , इलेक्ट्रिक कार का कुल वजन ( अदिक वजन का मतलब प्रति किलोवाट कम रेंज) आपको इन दोनों को समझना होगा।

इसमें सबसे अधिक अहम रोल बैटरी का होता है। जिस कार में अधिक किलोवाट कि बैटरी लगी है उसका मतलब है कि वो अधिक दबरी तय करेगा। यानी उसकी रेंज अधिक होगी। सभी इलेक्ट्रिक कार की रेंज किमी/किलोवाट और किलोवाट प्रति 100 किमी के रूप में मापी जाती है। अगर किसी क्ट्रिक कार की किमी/किलोवाट में किमी का नंबर जितना अदिक होगा वो कार उतना ही बेहचर प्रर्दशन करेगी।