मुजफ्फरनगर: किसानी आज के दौर में एक व्यवसाय बन चुका है. जिसके बंपर पैदावार से लोग करोड़पति बन जा रहे हैं. इसलिए आज के युवा उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी नौकरी की तरफ ध्यान नहीं दे रहे है. इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में एक युवक ने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया. इसका मुख्य वजह है खेती. आज हम आपको इस खास रिपोर्ट में बताएंगे कि आखिर एक युवक ने इतनी अच्छी नौकरी छोड़कर क्यों खेती करनी की चाह रखी.

बता दें कि मुजफ्फरनगर के गांव नुनाखेड़ा नगला में रहने वाले सौरभ बालियान के परिवार पर लगभग 60 लाख रुपये का कर्ज था. जिसको लेकर उसका परिवार काफी दुखी था. लेकिन अपनी कड़ी मेहनत से सौरव बालियान ने इस 60 लाख रुपए के कर्ज को तो उतारा दिया. साथ ही अपने गांव में एक वजूद भी बनाया और अपने परिवार का नाम भी रोशन किया.

सौरव बालियान ने बताया कि मेरे पिताजी का देहांत हो चुका है. मेरा लालन पोषण मां और दादा ने किया. मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी. परिवार पर करीब 60 लाख रुपये का कर्ज भी था. कर्जे की इतनी मोटी रकम से पूरा परिवार दुखी रहता था. मैं अपने घर का बड़ा बेटा हूं और घर की सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही थी. अपनी पढ़ाई के साथ साथ अपनी नौकरी की तैयारी भी लगातार कर रहा था. फिर मैंने सरकारी नौकरी का फॉर्म डाल दिया. जिसके पेपर के लिए मैं पंजाब भी गया और अपने उस पेपर को क्लियर भी किया. मेरा नाम भी मेरिट लिस्ट में लग चुका था. जिसे देखकर मैं काफी खुश भी हुआ. लेकिन कर्ज की रकम के बारे में सोचकर परेशान भी हुआ की इतना कर्ज कैसे चुकाऊंगा.

सौरभ ने बताया कि सरकारी नौकरी में सैलरी के रूप में मुझे मात्र 30 या 40 हजार रुपये ही मिलता. इन रकम से मैं अपने परिवार का कर्ज नहीं उतार सकता था. इसीलिए मैंने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया और अपने खेतों में ही काम करने लगा. सौरभ ने बताया कि वो गांव वालों से हटकर अपने खेतों में ऑर्गेनिक खेती करते है. सौरभ के पास 60 बीघा जमीन है.