मीरापुर। परिसीमन के बाद 2012 में मीरापुर विधानसभा सीट बनाई गई थी। इससे पहले मोरना के नाम से सीट थी। जानसठ सुरक्षित सीट का कुछ हिस्सा मीरापुर में शामिल किया गया, जबकि अधिकतर हिस्सा खतौली विधानसभा में शामिल हुआ। यहां कुल मतदाता तीन लाख 14 हजार 582 है। इनमें पुरुष मतदाता 166949 और महिला मतदाता 147617 है। करीब 1.20 लाख मुस्लिम मतों की चाल पर सबकी निगाह है। 2017 में मोदी लहर के बावजूद भाजपा के अवतार भड़ाना अपने विपक्षी सपा-कांग्रेस गठबंधन के लियाकत अली से सिर्फ 193 वोटों के अंतर से जीते थे।
अवतार भड़ाना के रालोद में शामिल हो जाने के बाद इस बार भाजपा ने पूर्व एमएलसी प्रशांत गुर्जर को उम्मीदवार बनाया है। शुरुआती चुनौतियों के बाद भाजपा प्रत्याशी ने यहां मजबूती दिखाई है। जातियों और प्रत्याशियों का गणित उलझा है, नजदीकी मुकाबले के आसार है।
सपा-रालोद गठबंधन से चंदन चौहान का चुनाव मुस्लिम, जाट, गुर्जर मतों के समीकरण पर टिकी है। अति पिछड़ी जातियों में सेंधमारी वह कितनी कर पाए, यह नतीजे बताएंगे।
बसपा से युवा मुस्लिम उम्मीदवार मोहम्मद सालिम को दलित-मुस्लिम समीकरण से उम्मीद है, जबकि कांग्रेस से पूर्व विधायक मौलाना जमील कासमी मैदान में हैं। 2012 के चुनाव में बसपा के टिकट पर मौलाना जमील अनुसूचित जाति और मुस्लिम समीकरण से विधायक बन गए थे।
पार्टी बसपा
प्रत्याशी मोहम्मद सालिम (29)
शिक्षा साक्षर
मुकाबले में कहां : दलित-मुस्लिम समीकरण का भरोसा। सर्वसमाज में वोट का दावा।
पार्टी रालोद
प्रत्याशी चंदन चौहान (33)
शिक्षा बीए, एलएलबी
मुकाबले में कहां : सर्वसमाज में वोट का भरोसा, क्षेत्र से तीन पीढ़ियों का नाता।
पार्टी भाजपा
प्रत्याशी प्रशांत गुर्जर (57)
शिक्षा एमए, एलएलबी
मुकाबले में कहां : भाजपा का वोट बैंक और सर्वसमाज से वोट मिलने का भरोसा।
पार्टी कांग्रेस
प्रत्याशी जमील अहमद (60)
शिक्षा साक्षर
मुकाबले में कहां : दलित-मुस्लिम और सर्वसमाज में वोट का दावा।