नई दिल्ली. नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे पर राजनीति जारी है। इसे लेकर बिहार के राष्ट्रीय जनता दल ने ट्विटर पर विवादास्पद फोटो पोस्ट की है। राजद ने एक ताबूत की तस्वीर के साथ नए संसद भवन की तुलना करते हुए लिखा कि ये क्या है? बता दें कि राजद का यह ट्वीट ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का उद्घाटन किया है। संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीति भी खूब हुई है। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया। राजद भी बहिष्कार करने वाली पार्टियों में शामिल है। वहीं, अब एआईएमआईएम प्रमुख ने राजद पर पलटवार किया है। साथ ही पीएम मोदी को भी निशाने पर लिया है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोकसभा स्पीकर जबावदेही होता है। इसलिए बेहतर होता कि कि लोकसभा स्पीकर को उद्घाटन करते। हालांकि, पीएम मोदी को हमेशा दिखाना होता है कि वहीं सबकुछ कर रहे हैं। साल 2014 से पहले तो कुछ हुआ ही नहीं है, बस अभी हो रहा है। पीएम का यह एक तरीका है, जो अपने आप को व्यक्तिगत तौर पर प्रमोशन दिलाने के लिए करते हैं। औवेसी ने आगे कहा कि वह बस लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि वहीं कर सकते हैं सबकुछ और कोई कुछ नहीं कर पाएगा। यह ठीक नहीं हुआ, जो भी हुआ। उन्होंने कहा कि यह बात अलग है कि नए संसद भवन की सच में जरूरत थी।
AIMIM प्रमुख ने कहा कि हमने भी साल 2019 की पार्टी बैठक में यह मुद्दा रखा था। मगर इसमें हर चीज का ये बता देना कि एक ही व्यक्ति है और दूसरा कोई नहीं है। ये तो संविधान का भी उल्लघंन है।
वहीं, जब पत्रकारों ने राजद के एक ताबूत की तस्वीर के साथ नए संसद भवन की तुलना करने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि राजद का तो कोई स्टैंड ही नहीं है। जो पुरानी दिल्ली थी उसमें तो दिल्ली पार्षद से क्लीयरेंस भी नहीं था। एक जमाने में जब मनमोहन सिंह अपनी पार्टी के साथ खाना खा रहे थे तो भवन की छत से एक टुकड़ा टूटकर गिर गया था। तब भी बहुत चर्चा हुई थी।
अब राजद ताबूत क्यों कह रहे हैं। वे, कोई और मिसाल भी दे सकते थे। इसमें भी कोई एंगल लाते हैं। कभी सेक्युलर बोलते हैं, कभी भाजपा से निकले हुए नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री बना लेते हैं। उनकी बयानबाजी तो चलती रहती है उन्हें छोड़ देना चाहिए।
वहीं, उन्होंने कहा कि इस देश का कोई बड़ा नेता है तो वह बाबा साहेब आंबेडकर हैं। उनसे बड़ा नेता आजतक कोई नहीं हुआ है। वहीं, औवेसी ने आगे कहा कि अगर आंतकवादी की बात करें तो सबसे पहला आंतकवादी नाथू राम गोडसे था।