नई दिल्ली. लोगों को गन्‍ने का रस पीना बहुत पसंद होता है। गन्‍ने का ठंडा और मीठा रस गर्मियों में ठंडक का एहसास कराकर शरीर को तरोताजा बना देता है। गर्मी आते ही जगह—जगह पर गन्‍ने के जूस के ठेले और दुकानें भी लग जाती हैं। बदलते मौसम में गन्‍ने का रस पीना सेहत के लिए अच्‍छे से ज्‍यादा नुकसान पहुंचाने का काम करता है। गन्ने के रस को जब पीने के लिए तैयार किया जाता है तो उसमें बर्फ डाली जाती है। जबकि दोनों की तासीर अलग होती है।

जब दुकानदार से रस बनाने के लिए कहें तो पहले देख लें कि दुकानदार ने गन्ने, बर्तन और मशीन को ठीक से साफ़ किया है या नहीं। साफ सफाई ना होने पर गन्ने पर फंगस लगा रहता है या फिर इसमें रोग लगा रहता है। कहीं पर मिट्टी लगी रह जाती है। जिसकी वजह से अमीबियासिस और पेचिस जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। कभी भी लाल रंग के गन्ने के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। ये सेहत के लिए हानिकारक है। इस मौसम में ज्‍यादा गन्‍ने का रस पीना सेहत के लिये बिल्‍कुल भी ठीक नहीं।

गन्ने के रस का लगातार सेवन आपके शरीर का वजन बढ़ने के साथ ही गन्ने का रस शुगर की बीमारी और पेट में कीडे़ पैदा कर सकता है। जिसमें रस का नियमित सेवन आपके शरीर के रक्‍त को पतला करता है। बलगम या खांसी की समस्‍या है तो गन्‍ने का जूस पीना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है। इसको ज्‍यादा पीने से यह समस्‍या काफी ज्‍यादा बढ़ सकती है। अगर आपके पेट में कीड़े हैं या फिर पेट से जुड़ी कोई अन्य समस्या है तो गन्ने के रस का कतई सेवन न करें। यदि गर्मियों में स्‍वस्‍थ रहना चाहते हैं तो गन्‍ने का रस बड़ी सावधानी के साथ पीये नहीं तो आपको ऐसे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।